ड्रग फैक्ट्री को अवैध बिजली सप्लाई कराने वाले डिस्कॉम के दो आउटसोर्स कर्मचारी बुक

ईंटखेड़ी पुलिस ने ड्रग फैक्ट्री को अवैध रूप से बिजली उपलब्ध कराने के मामले में बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के दो आउटसोर्स कर्मचारियों पर धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का केस दर्ज किया है। आरोप है कि दोनों कर्मचारियों ने निरीक्षण प्रक्रिया को दरकिनार कर शुल्क की रकम अपनी जेब में डाल ली और ड्रग फैक्ट्री को बिजली सप्लाई कर दी।

मामला कैसे खुला

यह कार्रवाई डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) द्वारा एमडी ड्रग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पर की गई छापेमारी के बाद सामने आई। ईंटखेड़ी वितरण केंद्र के सहायक प्रबंधक की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। जांच में खुलासा हुआ कि कर्मचारियों की मिलीभगत से फैक्ट्री को बिजली दी गई।

आरोपी कर्मचारी और मालिक

ईंटखेड़ी थाना प्रभारी आशीष सपरे ने बताया कि आरोपी कर्मचारी नीरज भारती, सब-स्टेशन ऑपरेटर और मनीष मीना, लाइन हेल्पर (दोनों आउटसोर्स) ने 4 अगस्त को रज्जाक खान के मकान पर बिजली मीटर लगाया था। इस दौरान न तो अनिवार्य साइट निरीक्षण किया गया और न ही 6,021 रुपये की फीस कंपनी में जमा की गई। रकम दोनों ने खुद रख ली, जिससे कंपनी को आर्थिक नुकसान हुआ।

ड्रग फैक्ट्री का संचालन

590 वर्गफुट का यह मकान विदिशा निवासी रज्जाक खान ने जुलाई में खरीदा था। खरीद के कुछ ही दिनों बाद उसने सह-आरोपी अब्दुल फैजल के साथ मिलकर घर के दो कमरों में मशीनरी और कच्चा माल रखकर एमडी ड्रग्स बनाने का काम शुरू कर दिया। यह मकान रिहायशी इलाके में स्थित है।

भोपाल ग्रामीण एसपी प्रमोद सिन्हा ने बताया कि आरोपी मकान खरीदने के एक महीने के भीतर ही अवैध धंधे में जुट गए थे। पुलिस की कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री का खुलासा हुआ और अब कर्मचारियों व मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

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