राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक ही परिवार के तीन सदस्यों और एक मासूम की मौत के 48 घंटे के भीतर मध्यप्रदेश के बेतूल ज़िले में भी ऐसा ही हादसा होते-होते टल गया। शुक्रवार रात को यहां दो भाई — दोनों संगीतकार — गूगल मैप के बताए रास्ते पर चलते हुए पानी में डूबे एक पुलिया पर चढ़ गए। तेज़ धारा ने उनकी कार को बहा ले जाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों की तत्परता से उनकी जान बच गई।
यह हादसा चोपना थाना क्षेत्र के बटकी डोह पुलिया पर हुआ। 26 वर्षीय कबीर सिंदूर और उनके बड़े भाई 27 वर्षीय हंसराज सिंदूर, जो सारनी के रहने वाले हैं, नारायणपुर में होने वाले जागरण कार्यक्रम में जा रहे थे। आयोजकों ने उन्हें लाइव लोकेशन भेजी थी, जिसे वे गूगल मैप पर फॉलो कर रहे थे। रास्ते में पुलिया पर पानी भरा मिला। उन्हें लगा पानी कम है और कार निकल जाएगी। जैसे ही कार का एक पहिया फिसला, वाहन तेज़ धारा में बहने लगा।
हंसराज ने बताया, “गूगल मैप पर भरोसा करना हमारी ज़िंदगी पर भारी पड़ गया। हमें लगा पानी उथला है, लेकिन कार तुरंत बहने लगी। हम अंदर फंसे थे और बिल्कुल बेबस महसूस कर रहे थे। अगर गांववालों और पुलिस ने समय रहते मदद न की होती, तो हम शायद जिंदा न होते।”
चोपना थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार ग्रामीणों के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। स्थानीय गोताखोरों और गांववालों की मदद से दोनों भाइयों को सुरक्षित निकाला गया। कार को शनिवार सुबह बाहर खींचा गया।
पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बारिश और बाढ़ के समय केवल नेविगेशन ऐप पर भरोसा न करें। ग्रामीण क्षेत्रों, जंगलों और नदियों के आसपास अचानक जलस्तर बढ़ जाता है। ऐसे में स्थानीय लोगों से पूछकर ही सुरक्षित मार्ग चुनना चाहिए।