शहरीकरण के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित करने के बजाय सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए ग्राम संकुल मास्टर प्लान तैयार करना चाहिए। यह बात भारतीय किसान संघ (BKS) के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा ने सोमवार को भोपाल में कही। वे यहां BKS की कार्यकारिणी बैठक में शामिल होने पहुंचे थे।
मिश्रा ने कहा, “लोगों को जबरन शहरों की ओर धकेलने के बजाय सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बुनियादी और आधुनिक सुविधाएं गांवों में ही उपलब्ध कराई जाएं। इससे ग्रामीणों का पलायन रुक सकेगा।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रस्तावित मास्टर प्लान ग्रामीण आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा और गांव की पारिस्थितिकी तथा संस्कृति की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा, “BKS शहरीकरण या विकास के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह किसानों की जमीन की कीमत पर नहीं होना चाहिए। सरकार को शहरों के विस्तार पर ध्यान देने के बजाय ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, पर्यावरण और स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने पर फोकस करना चाहिए।”
मिश्रा ने चेतावनी दी कि गांवों का अंधाधुंध विस्थापन न केवल ग्रामीण जीवन को बल्कि पर्यावरण और मानव सभ्यता को भी नुकसान पहुंचाएगा। उन्होंने कहा, “जब गांव उजड़ते हैं तो उनकी संस्कृति, पर्यावरण और पारिस्थितिकीय तंत्र नष्ट हो जाते हैं। यह केवल किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए हानि है।”
उन्होंने यह भी मांग की कि जहां भूमि अधिग्रहण अपरिहार्य है, वहां उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि सरकार जमीन अधिग्रहित करती है, तो उसे बाज़ार भाव से चार गुना अधिक भुगतान करना चाहिए, जैसा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में किया जाता है।”