राहुल गांधी का आरोप: “महाराष्ट्र चुनाव 2024 में बीजेपी ने लोकतंत्र को हाइजैक किया”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2024 के नवंबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में बीजेपी ने “मैच फिक्सिंग” करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया और सत्ता हासिल की। बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी वाली ‘महायुति’ गठबंधन ने कुल 288 में से 235 सीटें जीतकर राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। बीजेपी अकेले 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राहुल गांधी ने एक लेख और सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए बीजेपी पर “चुनाव चुराने” का आरोप लगाते हुए पांच-चरणीय साजिश का ज़िक्र किया। उन्होंने इसे “चुनाव में धांधली का ब्लूप्रिंट” बताया। राहुल गांधी द्वारा बताए गए पांच कदम: राहुल गांधी ने अपने लेख में लिखा, “यह मामूली स्तर की धोखाधड़ी नहीं, बल्कि एक औद्योगिक पैमाने पर की गई साजिश है जिसमें हमारे राष्ट्रीय संस्थानों को कब्ज़े में लिया गया है।” चुनाव आयोग की नियुक्ति पर विवादगांधी ने 2023 में केंद्र द्वारा पारित Election Commissioners Appointment Act पर सवाल उठाया, जिसमें चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटाकर एक केंद्रीय मंत्री को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि इससे निष्पक्षता खत्म हो गई और कार्यपालिका को अनुचित लाभ मिला। वोटर लिस्ट में अचानक वृद्धि पर सवालराहुल गांधी ने दावा किया कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता संख्या 8.98 करोड़ थी, जो 2024 लोकसभा चुनावों में बढ़कर 9.29 करोड़ हुई। लेकिन केवल पांच महीनों में यह आंकड़ा बढ़कर 9.70 करोड़ पहुंच गया। उन्होंने इस वृद्धि को ‘संदिग्ध’ बताया और कहा कि इससे फर्जीवाड़े का अंदेशा होता है। बीजेपी प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने राहुल गांधी के आरोपों को “शर्मनाक और निराधार” बताया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी बार-बार हमारे संवैधानिक संस्थानों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। चुनाव आयोग ने हर बार इन विषयों पर विस्तार से सफाई दी है।” चुनाव आयोग की सफाईचुनाव आयोग ने कहा कि वोटर लिस्ट में वृद्धि युवाओं की बढ़ती भागीदारी और मतदाता जागरूकता अभियान का परिणाम है। लेकिन राहुल गांधी ने इसे भी ‘बयानबाज़ी’ करार दिया और कहा कि इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है। विपक्ष की स्थितिविपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA)—जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की एनसीपी (SP) शामिल थीं—सिर्फ 50 सीटें ही जीत पाईं। यह उन नेताओं के लिए एक बड़ा झटका रहा, जिन्होंने हाल ही में अपने-अपने दल और चुनाव चिह्न गंवाए थे। निष्कर्ष:राहुल गांधी के आरोप महाराष्ट्र चुनाव परिणामों को लेकर नई बहस छेड़ते हैं। उन्होंने चुनावी संस्थाओं की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, वहीं बीजेपी और चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया है। आगामी समय में यह मुद्दा संसद से लेकर अदालत तक गूंज सकता है।

भोपाल में 1000 से अधिक अवैध वाहन वॉशिंग सेंटर, नगर निगम की कार्रवाई शून्य

भोपाल में वाहन धुलाई केंद्रों की संख्या 1,024 से अधिक है, लेकिन भोपाल नगर निगम (BMC) अब तक 1000 से ज्यादा अवैध रूप से संचालित हो रहे वॉशिंग सेंटरों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है। BMC अधिकारियों के अनुसार केवल 126 वॉशिंग सेंटर ही वैध रूप से लाइसेंस प्राप्त हैं, जबकि बाकी सभी अवैध रूप से चल रहे हैं और गंभीर जल प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अप्रैल महीने में नगर निगम के 21 जोनों में अवैध वॉशिंग सेंटरों की जांच शुरू की गई थी, लेकिन स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 की टीम के आगमन का हवाला देते हुए किसी भी जोन ने अब तक इनकी सूची नहीं सौंपी है। दो महीने बीतने के बावजूद न तो जांच में कोई प्रगति हुई है और न ही कोई कार्रवाई हुई है। अवैध वाहन वॉशिंग सेंटर संत हिरदारामनगर, एमपी नगर, नेहरू नगर, नरमदापुरम रोड से कोलार तक और पुराने भोपाल के इलाकों में बड़ी संख्या में चल रहे हैं। केवल एमपी नगर इलाके में ही 15 से अधिक ऐसे केंद्र हैं, जहां सुबह से देर रात तक वाहनों की धुलाई की जाती है, वो भी पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी करते हुए। हाल ही में हुई एक जांच में सामने आया कि 90% से अधिक वॉशिंग सेंटर प्रदूषण नियंत्रण मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं। नगर निगम ने पहले इन अवैध केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए थे, लेकिन फिर अभियान को टाल दिया गया। अब मानसून नजदीक होने के कारण जल निकासी और प्रदूषण की आशंका बढ़ गई है। लाइसेंस की शर्तें और प्रदूषण का खतरा प्रदूषण नियंत्रण के नियमों के अनुसार, केवल वही वॉशिंग सेंटर जिन्हें किसी अधिकृत ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के अंतर्गत चलाया जाता है, लाइसेंस के पात्र होते हैं। वर्तमान में ऐसे केंद्रों की संख्या 10% से भी कम है, शेष सभी अवैध हैं। वाहन धुलाई के दौरान निकलने वाला तेलयुक्त पानी बड़ा खतरा बन चुका है। यह गंदा पानी सीधे शहर की नालियों में बहता है, जिससे कीचड़ के साथ मिलकर गंभीर जाम और रुकावटें पैदा होती हैं। हाल ही में हुई प्री-मानसून नाली सफाई के दौरान निगम अधिकारियों ने देखा कि कई नालियां पास के वॉशिंग सेंटरों से आए तेल के कारण जाम हो चुकी हैं। इस विषय में अतिरिक्त नगर आयुक्त, देवेंद्र सिंह चौहान ने कहा, “लाइसेंस BMC के जलकार्य विभाग द्वारा जारी किया जाता है। अगर कोई वॉशिंग सेंटर प्रदूषण नियंत्रण मानकों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” निष्कर्ष:अवैध वॉशिंग सेंटर न केवल कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि शहर के जल स्रोतों और नाली व्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। नगर निगम को चाहिए कि वह जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए, अन्यथा मानसून के दौरान हालात और बिगड़ सकते हैं।

भोपाल में हाई-प्रोफाइल चोर गिरोह का पर्दाफाश: दो इंजीनियर और एक प्राइवेट कर्मचारी गिरफ्तार, ₹1.5 करोड़ की चोरी में लिप्त

भोपाल पुलिस ने गुरुवार को एक हाई-प्रोफाइल चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसमें दो कंप्यूटर साइंस इंजीनियर और एक प्राइवेट फर्म कर्मचारी शामिल हैं। इन तीनों ने शहर में ₹1.5 करोड़ से अधिक की चोरियों को अंजाम दिया था। गिरोह चोरी से प्राप्त सोना और नकदी को लोन के जरिए रियल एस्टेट में निवेश कर रहा था। सफेद कार बना पहचान का सुराग भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि यह जांच 14 मई को डैनिश कुंज इलाके में हुई बड़ी चोरी के बाद शुरू हुई। घटनास्थल के पास एक संदिग्ध सफेद कार सीसीटीवी में नजर आई। गाड़ी का नंबर स्पष्ट नहीं था, लेकिन मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस को यशवंत रघुवंशी (विदिशा निवासी), भूपेंद्र साहू (रायसेन निवासी, वर्तमान में कटारा हिल्स में रहने वाला) और अभिलाष विश्वकर्मा (छिंदवाड़ा निवासी) पर शक हुआ। तीनों की गिरफ्तारी और कबूलनामा पुलिस ने यशवंत को विदिशा से, भूपेंद्र को कटारा हिल्स से और अभिलाष को छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किया। पूछताछ में तीनों ने कोलार रोड के तीन स्थानों और कटारा हिल्स में एक स्थान पर चोरी की बात स्वीकार की। दिन में रैकी, रात में वारदात गिरोह दिन के समय खाली मकानों की पहचान करता और रात में बाहरी साथियों को बुलाकर चोरी करता। सहयोगियों को होटल में ठहराया जाता और चोरी के बाद उन्हें लूट का हिस्सा देकर शहर से बाहर भेज दिया जाता था। लूट से रियल एस्टेट में निवेश मुख्य आरोपी चोरी का सोना मांडीद्वीप स्थित मुथूट फाइनेंस में गिरवी रखकर लोन लेते थे, जिससे रियल एस्टेट में निवेश किया जाता था। पुलिस ने ₹40 लाख मूल्य का सोना फाइनेंस कंपनी से जब्त कर फ्रीज़ किया है। शैक्षणिक पृष्ठभूमि और जब्ती तीनों आरोपी उच्च शिक्षित हैं — यशवंत और अभिलाष कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हैं, जबकि भूपेंद्र एक निजी कंपनी में कार्यरत है। पुलिस ने इनके पास से सोने-चांदी के आभूषण, चांदी के सिक्के और ₹24,000 नकद बरामद किए हैं। इनके बैंक खातों को भी फ्रीज़ कर दिया गया है, जिनमें चोरी से संबंधित ₹60 लाख की अतिरिक्त लेन-देन का पता चला है। पुलिस की सख्त कार्रवाई भोपाल पुलिस ने इस मामले को संगठित और पेशेवर अपराध मानते हुए, आगे की जांच के लिए वित्तीय लेन-देन और रियल एस्टेट निवेश पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि कहीं और भी इस गिरोह ने चोरी की घटनाओं को अंजाम तो नहीं दिया।

भोपाल नगर निगम ने तीन वर्षों में जमा किए 3 करोड़ रुपये, वर्षा जल संचयन पर नहीं हुआ कोई कार्य

भोपाल नगर निगम (बीएमसी) ने पिछले तीन वर्षों में भवन निर्माण की अनुमति लेने वाले आवेदकों से वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के नाम पर तीन करोड़ रुपये से अधिक की राशि सुरक्षा निधि के रूप में जमा की है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस राशि से अब तक एक भी वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित नहीं की गई है। भूमि विकास नियम, 2012 के तहत जमा होती है राशि वर्ष 2012 के भूमि विकास नियमों के अनुसार, भवन अनुमति के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों को वर्षा जल संचयन स्थापना के लिए एक सुरक्षा शुल्क जमा करना अनिवार्य है। यह राशि वापस पाने योग्य होती है, बशर्ते कि आवेदक वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित कर उसका प्रमाण निगम को प्रस्तुत करे। न धन वापसी का दावा, न सिस्टम की स्थापना व्यवहार में देखा गया है कि अधिकांश संपत्ति मालिक वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करने के बाद भी अपनी जमा राशि की वापसी का दावा नहीं करते। वहीं, नगर निगम इन अप्रयुक्त धनराशियों का कोई सकारात्मक उपयोग भी नहीं कर पाया है। वर्ष 2022-23 में ₹1.07 करोड़, 2023-24 में ₹80.48 लाख, और 2024-25 में ₹1.16 करोड़ की राशि निगम ने एकत्र की, परंतु अब तक इससे न तो कोई प्रणाली स्थापित की गई और न ही जनजागरूकता बढ़ाई गई। पानी संकट वाले शहर में यह बड़ी चूक विशेषज्ञों का कहना है कि जल संकट झेल रहे शहर के लिए यह गंभीर चूक है। इस निधि का उपयोग न होना पर्यावरणीय प्रयासों को कमजोर करता है और साथ ही पारदर्शिता व जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है। इंदौर मॉडल से तुलना में बीएमसी पिछड़ा इसके विपरीत, इंदौर नगर निगम ने इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए हैं। वहां न सिर्फ वर्षा जल संचयन प्रणाली की निगरानी की जाती है, बल्कि स्थापित करने वालों को सुरक्षा निधि की वापसी भी सुनिश्चित की जाती है। नगर निगम की स्वीकारोक्ति भोपाल नगर निगम के सिटी प्लानर अनूप गोयल ने स्वयं इस विफलता को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि बहुत कम भवन मालिक वर्षा जल संचयन स्थापित करने के बाद अपनी जमा राशि वापस मांगते हैं। उन्होंने बताया कि 140 वर्ग फुट से बड़े भवनों में यह प्रणाली अनिवार्य है और पूर्व में निगम द्वारा जनजागरूकता अभियान भी चलाए जाते थे। वर्षा जल संचयन: क्या है और क्यों जरूरी है वर्षा जल संचयन एक जल संरक्षण तकनीक है, जिसमें बारिश के पानी को एकत्र कर भविष्य के उपयोग के लिए संग्रहित किया जाता है। इससे भूमिगत जलस्तर में सुधार होता है और कुओं व नलकूपों की जल उपलब्धता बढ़ती है। यह प्रणाली छतों से पानी एकत्र कर टैंकों या गड्ढों में संग्रहित करती है और विशेषकर जल संकट वाले क्षेत्रों में यह अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है।

जनरल अनिल चौहान का खुलासा: “पाकिस्तान 48 घंटे में भारत को झुकाने की साजिश रच रहा था, लेकिन 8 घंटे में ही पीछे हट गया”

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार, 3 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण बयान में खुलासा किया कि पाकिस्तान ने भारत को 48 घंटे में “झुकाने” की योजना बनाई थी। 10 मई को शुरू किए गए “ऑपरेशन बुनियान अल-मर्सूस” के तहत पाकिस्तान ने कई हमले किए, लेकिन भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद महज 8 घंटे में उसकी योजना धराशायी हो गई और वह वार्ता की गुहार लगाने लगा। जनरल चौहान पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में ‘भविष्य के युद्ध और युद्धकला’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने बताया, “10 मई की रात करीब 1 बजे पाकिस्तान ने भारत को घुटनों पर लाने का मंसूबा लेकर हमला किया। उन्होंने कई मोर्चों पर आक्रमण किया और तनाव को बढ़ाया — जबकि भारत ने सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों को ही निशाना बनाया था।” उन्होंने बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेस जैसे नूर खान, मुरिद और रफीकी को निशाना बनाया गया। सैटेलाइट चित्रों से इन ठिकानों पर भारी तबाही की पुष्टि हुई है। भारत की इस निर्णायक जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय समकक्ष से हॉटलाइन के ज़रिये संपर्क किया और दोनों देशों के बीच तत्काल संघर्षविराम पर सहमति बन गई। जनरल चौहान ने कहा कि यह युद्ध पारंपरिक नहीं था। “हमने एक-दूसरे को प्रत्यक्ष नहीं देखा। सिर्फ रडार और विभिन्न रेंजों से गतिविधियाँ नजर आ रही थीं। यह एक मिश्रित युद्ध था — किनेटिक (जहां विनाश हुआ) और नॉन-किनेटिक (सूचना और साइबर डोमेन में) दोनों स्तरों पर। एलओसी पर कुछ चल रहा था, तो वहीं पाकिस्तान के भीतर सरगोधा जैसी जगहों तक असर था।” भारत का ऑपरेशन सिंदूर मुख्य रूप से पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर किया गया था। भारत ने नौ अलग-अलग लोकेशनों पर सटीक हमले किए। यह जवाबी कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई थी, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी — जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। जनरल चौहान की इस टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की सैन्य तत्परता और निर्णायक नीति ने पाकिस्तान की बड़ी साजिश को बेहद कम समय में नाकाम कर दिया।

मेघालय हनीमून बना त्रासदी: इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या की पुष्टि, पत्नी सोनम अब भी लापता

मेघालय के सुरम्य सोहरा क्षेत्र में हनीमून मनाने गए इंदौर निवासी दंपत्ति राजा और सोनम रघुवंशी के साथ दुखद हादसा हुआ है। 23 मई को ट्रेकिंग के दौरान दोनों अचानक लापता हो गए थे। अब कई दिनों की खोजबीन के बाद राजा रघुवंशी का अर्ध-विकसित शव वाई सादोंग जलप्रपात की एक गहरी खाई से बरामद किया गया। शव की पहचान उनके हाथ पर बने “राजा” टैटू से की गई। पुलिस ने घटनास्थल से एक मोबाइल फोन और एक दाओ (स्थानीय मछेटी जैसी हथियार) भी बरामद किया है, जो संभवतः हत्या में इस्तेमाल हुआ। राजा की पत्नी सोनम अभी तक लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। इस मामले में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया है। परिवार ने इस मामले में लूट के इरादे से हत्या की आशंका जताई है। राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने मीडिया को बताया कि राजा का पर्स और हीरे का कड़ा गायब है। उन्होंने कहा, “हमें शक है कि लूट के इरादे से हत्या की गई है और सोनम का अपहरण हुआ है। हम इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं।” इस पूरे घटनाक्रम में सोनम की आखिरी कॉल अब अहम सुराग के रूप में देखी जा रही है। राजा की मां के अनुसार, 23 मई को सोनम ने उन्हें उपवास के दिन ‘ग्यारस’ पर कॉल किया था। जब मां ने उनसे खाने के लिए कहा तो सोनम ने जवाब दिया, “घूमने के चक्कर में व्रत थोड़ी तोड़ दूंगी।” उस कॉल में सोनम की आवाज थकी हुई और सांसें तेज़ लग रही थीं। उन्होंने बताया कि वे जंगल से होते हुए एक झरने की ओर जा रहे हैं। कॉल अचानक कट हो गई — और फिर दोबारा संपर्क नहीं हो सका। परिवार ने कॉल की रिकॉर्डिंग भी पुलिस को सौंपी है। राजा के भाई विपिन ने आरोप लगाया कि पुलिस को उन्होंने शुरुआत में ही उस स्थान की ओर ध्यान देने को कहा था, जहां बाद में राजा का शव मिला। लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया, जिससे कीमती समय नष्ट हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ संदिग्ध लोग पुलिस को असली अपराध स्थल से भटका रहे हैं। पूर्व खासी हिल्स के एसपी विवेक सिएम ने बताया कि दंपत्ति की एक महिला कॉफी विक्रेता से मामूली कहासुनी हुई थी, लेकिन उन्होंने किसी सुनियोजित हत्या की अटकलों को खारिज किया है। पुलिस फिलहाल सोनम की खोज में जुटी हुई है और मामले की हर दिशा में जांच जारी है।

पार्लियामेंट के विशेष सत्र की मांग को लेकर विपक्ष की बैठक आज, Pahalgam हमले पर चर्चा की तैयारी

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के नेता मंगलवार, 3 जून 2025 को राजधानी में एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य केंद्र सरकार पर दबाव बनाना है ताकि संसद का विशेष सत्र बुलाया जा सके और Pahalgam में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद उत्पन्न हालातों पर चर्चा की जा सके। विपक्ष का कहना है कि उसने सरकार के साथ एकजुटता दिखाई है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को मजबूती से रखने के प्रयासों का समर्थन किया है। वर्तमान में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल विश्व के विभिन्न हिस्सों की यात्रा कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर वैश्विक ध्यान केंद्रित किया जा सके। विपक्ष चाहता है कि ये विशेष सत्र तब बुलाया जाए जब ये प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह तक देश लौट आएं। विपक्षी दल संसद में एक “पूर्ण और स्पष्ट बहस” की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पूंछ, उरी और राजौरी में नागरिकों की हत्या, संघर्ष विराम घोषणाएं और आतंकवादी घटनाओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, “विदेशी सरकारों और उनकी मीडिया को ब्रीफ किया गया है, लेकिन भारतीय संसद को नहीं।” सूत्रों के अनुसार, विपक्ष इस पर असमंजस में है कि प्रधानमंत्री को एक संयुक्त पत्र लिखा जाए या प्रत्येक विपक्षी सांसद अलग-अलग पत्र भेजें। इसपर अंतिम निर्णय मंगलवार की बैठक में लिया जाएगा। हालांकि, बैठक में कुछ प्रमुख नेताओं की अनुपस्थिति भी तय मानी जा रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की ओर से कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं होगा। शरद पवार ने पहले ही कहा था कि संसद का विशेष सत्र बुलाना शायद उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा, “मैं विशेष सत्र बुलाने के खिलाफ नहीं हूं… लेकिन यह एक संवेदनशील और गंभीर विषय है, और संसद में इस पर खुलकर चर्चा करना शायद सही न हो। इस परिस्थिति में राष्ट्रीय हित में जानकारी को गोपनीय रखना आवश्यक है।” इससे पहले 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक हो चुकी है। सोमवार, 2 जून को, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज कुमार झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र की मांग दोहराई। उन्होंने पत्र में विदेश नीति में कथित विदेशी हस्तक्षेप का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 बार यह दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने में भूमिका निभाई है। मनोज झा ने लिखा, “जब विदेशी नेता भारत की सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को हल करने का श्रेय लेने लगते हैं, तब देश की वैश्विक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है। अमेरिकी हस्तक्षेप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान को एक ही फ्रेम में रख दिया है। जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ वैध प्रतिक्रिया थी, वह अब राष्ट्रपति ट्रंप के कथित वैश्विक मध्यस्थता अभियान का हिस्सा बन गई है।”

Northeast Flood Crisis: PM Modi Assures Support as Death Toll Rises, Thousands Displaced

Prime Minister Narendra Modi on Tuesday reached out to key northeastern leaders—including Assam CM Himanta Biswa Sarma, Sikkim CM Prem Singh Tamang, and Manipur Governor Ajay Bhalla—in the wake of devastating floods and landslides triggered by relentless rain across the region. The PM assured all possible support from the Centre to the affected states. 🚨 Death Toll & Human Impact The heavy downpour has caused widespread destruction: 🪖 Army Casualties in Sikkim A landslide hit an army camp at Chhaten, North Sikkim on Sunday night: 🏞️ State-Wise Impact Snapshot Assam Sikkim Mizoram Manipur Arunachal Pradesh Tripura ⚠️ Weather Alert The India Meteorological Department (IMD) has issued an orange alert for heavy to very heavy rainfall across multiple northeastern districts, increasing the risk of further flooding and landslides. 🆘 Government Response The situation remains critical, with infrastructure heavily damaged and access to several remote areas cut off. Relief efforts are ongoing amid unpredictable weather and difficult terrain.

जाह्नवी मल्होत्रा बनीं मिस यूनिवर्स एमपी 2025, तप्ती ठाकुर फर्स्ट रनर-अप, श्रेया बेड़िया सेकंड रनर-अप

भोपाल: मिस यूनिवर्स एमपी 2025 का भव्य फिनाले सोमवार रात भोपाल के एक निजी होटल में आयोजित हुआ, जहां जाह्नवी मल्होत्रा ने विजेता का ताज अपने नाम किया। तप्ती ठाकुर फर्स्ट रनर-अप रहीं, जबकि श्रेया बेड़िया को सेकंड रनर-अप चुना गया। देर रात तक चले इस कार्यक्रम में फैशन और ग्लैमर का बेहतरीन संगम देखने को मिला। ताज जीतने के बाद जाह्नवी ने कहा, “मैं बेहद खुश हूं। यह वर्षों की मेहनत का नतीजा है। अब मुझे अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। शुरुआत में थोड़ी घबराहट थी, लेकिन मैं जानती थी कि जीतना है। मैं जीतने आई थी और अब ताज लेकर जा रही हूं।” फिनाले की शुरुआत सोमवार शाम कॉकटेल राउंड से हुई, जिसमें सभी 13 फाइनलिस्ट्स ने ब्लैक वन-पीस ड्रेस में रैंप वॉक किया। प्रतिभागियों ने अपनी चाल, आत्मविश्वास और एटीट्यूड से दर्शकों और जजों को प्रभावित किया। यह राउंड सिर्फ सुंदरता का नहीं, बल्कि प्रतिभा का भी परिचायक रहा। इसके बाद रिसॉर्ट वियर राउंड हुआ, जिसमें मॉडल्स ने लाइट गाउन्स और सिंगल-पीस ड्रेसेस पहनकर रैंप पर उतरीं। इस राउंड में प्रतिभागियों की स्टाइल, मुस्कान और स्टेज प्रेजेंस ने सभी का ध्यान खींचा। फिनाले के दौरान कई स्पेशल टाइटल्स भी प्रतिभागियों को दिए गए। रैंप वॉक के साथ-साथ डांस परफॉर्मेंसेज़ ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया। मौके पर मौजूद मिस यूनिवर्स रिया सिंघा ने जज के रूप में कहा, “मुझे भोपाल बहुत पसंद आया। ये झीलों और हरियाली का शहर है। मैंने जब यहां की प्रतिभागियों से बातचीत की, तो उनमें अपार टैलेंट नजर आया। सबसे ज़रूरी बात है खुद को जानना, क्योंकि आप सिर्फ खुद को नहीं, बल्कि पूरे देश को रिप्रजेंट करते हैं।”

India Reports 203 New Covid-19 Cases; Active Tally Rises to 3,961

As of 8 AM on Monday, India’s active Covid-19 caseload has risen to 3,961, according to the latest data released by the Ministry of Health and Family Welfare. A total of 203 new cases were added since Sunday, reflecting a slight uptick in infections across several states. The cumulative number of Covid-related deaths in the country for 2025 has reached 32, with four additional deaths reported since Sunday. Delhi, Tamil Nadu, Maharashtra, and Kerala each recorded one death. Delhi also reported 47 new cases, taking its total active caseload to 483. Kerala, which has been witnessing a steady rise, now has 1,435 active cases after registering 35 new infections. Maharashtra added 21 new cases, pushing its active count to 506, while West Bengal saw 44 new cases, increasing its active tally to 331. Union Minister of State for Health and AYUSH (Independent Charge), Prataprao Jadhav, reassured the public on Friday that the central government is fully prepared to manage any potential surge. He stated that both the Health and AYUSH ministries are closely monitoring the situation in coordination with state health departments. “We have reviewed the infrastructure created during previous Covid waves, including oxygen plants and ICU beds. Our systems are well-equipped and preparations are underway to handle any eventuality,” Jadhav said. In light of the recent increase in cases, the Karnataka Health Department has issued a precautionary circular for schools. It advises both government and private schools to refrain from allowing students with symptoms such as fever, cough, or cold to attend classes. Parents are encouraged to seek timely medical treatment and ensure appropriate care for affected children.

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