भोपाल के 126 से ज्यादा कब्रिस्तानों पर अतिक्रमण, अस्पताल और दुकानें भी बनीं: वक्फ संपत्तियों की हालत चिंताजनक
भोपाल। शहर के ऐतिहासिक वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। भोपाल टॉकीज चौराहा के पास स्थित कब्रिस्तान की ज़मीन पर अस्पताल और दुकानें तक बना दी गई हैं। ये अकेला मामला नहीं है—भोपाल शहर में लगभग 150 से अधिक कब्रिस्तानों में से सिर्फ 15 से 24 कब्रिस्तान ही अस्तित्व में बचे हैं, जबकि 126 से अधिक कब्रिस्तान अतिक्रमण की चपेट में हैं। 🔥 मुख्य बिंदु: वक्फ संपत्तियों की दुर्दशा: हाजी मोहम्मद इमरान, जमीअत उलमा ए हिंद (मप्र) के सचिव के अनुसार, “वक्फ बोर्ड की जानकारी में सब कुछ है, लेकिन न तो कार्रवाई होती है और न ही मुस्लिम समाज को जागरूक किया गया।” 📌 वक्फ बोर्ड की प्रतिक्रिया: डॉ. सनव्वर पटेल, अध्यक्ष, मप्र वक्फ बोर्ड: “हमने 150 कब्रिस्तानों का रिकॉर्ड देखा है, पर भौतिक सत्यापन में सिर्फ 24 मिले। सत्यापन के बाद सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।” 😔 भावनात्मक संकट भी गहराया: कई परिवार जो अपने पूर्वजों के पास अपने प्रियजन को दफनाना चाहते थे, अब उनके पास कब्रिस्तान ही नहीं बचा। कुछ कब्रिस्तानों में तो रास्ता तक नहीं बचा है। क्या है वक्फ: वक्फ वह संपत्ति होती है जिसे कोई व्यक्ति अल्लाह की राह में समाज के कल्याण के लिए देता है। इसका पंजीकरण होता है और वक्फ संपत्ति जब तक समाज के हित में उपयोग होती रहे, तब तक वक्फ करने वाले को पुण्य मिलता है। ज़रूरी सवाल: अगर आप चाहें तो मैं इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट या प्रेस रिलीज़ भी ड्राफ्ट कर सकता हूँ।
