‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के अंतर्गत नर्मदापुरम और शाजापुर रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प, प्रधानमंत्री मोदी ने किया लोकार्पण

अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत नर्मदापुरम और शाजापुर सहित मध्यप्रदेश के छह रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प कर उन्हें आधुनिक रूप प्रदान किया गया है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन स्टेशनों का लोकार्पण किया। नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल (वीसी के माध्यम से), मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रभारी मंत्री राकेश सिंह और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर रेलवे स्टेशनों के अभूतपूर्व आधुनिकीकरण की चर्चा करते हुए कहा कि ये स्टेशन केवल यात्री सुविधाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाते हैं। मध्यप्रदेश में जिन छह स्टेशनों का लोकार्पण हुआ, उनमें कटनी साउथ, श्रीधाम, नर्मदापुरम, शाजापुर, सिवनी और ओरछा शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नर्मदापुरम, बुधनी, इटारसी और सोहागपुर को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के रूप में विकसित करने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बीईएमएल को रेल कोच निर्माण इकाई हेतु भूमि आवंटित की है, जिससे अब मध्यप्रदेश में ही आधुनिक कोच तैयार होंगे। नर्मदापुरम में आयोजित क्षेत्रीय औद्योगिक समागम में सौर उपकरण निर्माण इकाइयों की स्थापना की जाएगी। सरकार पर्यटन और विरासत संरक्षण को भी प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री ने पचमढ़ी को भारत का प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने की योजना की घोषणा की। साथ ही तीन बड़ी नदी परियोजनाओं पर कार्य जारी है जिससे सिंचाई का क्षेत्रफल बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि 26, 27 और 28 मई को नरसिंहपुर में कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और कृषि आधारित उद्योगों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य सरकार ‘नारी शक्तिकरण मिशन’ के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है। इसी के तहत 31 मई को भोपाल में एक भव्य महिला सशक्तिकरण सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल होंगे। यह आयोजन अहिल्या माता की 300वीं जयंती के अवसर पर होगा। वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने कहा कि इस परियोजना से यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी। यह कार्य ‘अमृत काल’ में भारतीय रेलवे की प्रगति के दृष्टिकोण से मेल खाता है। इस दौरान पश्चिम मध्य रेलवे की महाप्रबंधक शोभना बनर्जी, भोपाल मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन – आध्यात्मिक संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं का संगमकरीब 26 करोड़ रुपये की लागत से नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया गया है। इसका डिज़ाइन माँ नर्मदा थीम पर आधारित है, जिसमें विस्तृत सर्कुलेटिंग एरिया, एलईडी लाइटिंग, चौड़ा फुट ओवर ब्रिज और दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं शामिल हैं। यह स्टेशन अब आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी विकसित हो गया है। शाजापुर रेलवे स्टेशन – परंपरा और आधुनिकता का मेलशाजापुर रेलवे स्टेशन के लोकार्पण समारोह में सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी, विधायक अरुण भीमावद और स्थानीय अधिकारी उपस्थित रहे। लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन पर उन्नत प्लेटफॉर्म, नई अधोसंरचना और आधुनिक यात्री सुविधाएं विकसित की गई हैं। स्टेशन का ‘आर्ट एंड कल्चर ज़ोन’ स्थानीय परंपराओं को दर्शाता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।

भोपाल में 21 से 30 मई तक चलेगा विशेष स्वच्छता अभियान, सभी 85 वार्डों में दो शिफ्टों में होगी सफाई

भोपाल नगर निगम (BMC) 21 मई से राज्य सरकार के आदेश पर विशेष स्वच्छता अभियान शुरू कर रहा है, जो 30 मई तक चलेगा। यह अभियान नगर के सभी 85 वार्डों में चलाया जाएगा। बीएमसी के निर्देशानुसार, प्रत्येक वार्ड को 6 भागों में विभाजित कर दो शिफ्टों में सफाई कार्य किया जाएगा। 🔹 पहली शिफ्ट: सुबह 7:00 से 11:00 बजे तक 🔹 दूसरी शिफ्ट: दोपहर 2:00 से शाम 6:00 बजे तक 🔹 प्रतिदिन की जाएगी विशेष सफाई 🔹 अन्य स्थानों की विशेष सफाई भी होगी यह अभियान स्वच्छता के साथ-साथ शहर की सुंदरता को बढ़ाने और जनसहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है। BMC सभी नागरिकों से इस मुहिम में सहयोग की अपील कर रहा है।

भोपाल के वरिष्ठ अधिवक्ता से 78.25 लाख की साइबर ठगी, “शेयर बाजार में निवेश” के नाम पर बनाया निशाना

भोपाल स्थित एक वरिष्ठ अधिवक्ता को अज्ञात साइबर अपराधियों ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर भारी ठगी का शिकार बना लिया। आरोपियों ने अधिवक्ता को ₹78.25 लाख के निवेश के बदले “उच्च लाभ” का झांसा दिया और शुरुआत में कुछ मुनाफा भी दिखाया, जिससे उनकी विश्वसनीयता बढ़ गई। लेकिन जब अधिवक्ता ने बड़ी राशि निवेश की, तो ठगों ने रिटर्न रिलीज करने से पहले ₹65 लाख “टैक्स” के रूप में मांगे, जिससे अधिवक्ता को ठगे जाने का एहसास हुआ। कैसे हुई ठगी की शुरुआत पुलिस के अनुसार, 52 वर्षीय पीड़ित अधिवक्ता सागर एवेन्यू, अयोध्या बायपास क्षेत्र में रहते हैं और जिला न्यायालय में प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने 15 फरवरी को साइबर क्राइम ब्रांच में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। 2 दिसंबर 2024 को अधिवक्ता को “सुहानी शर्मा” नामक महिला ने फेसबुक पर संपर्क किया। खुद को स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट बताने वाली इस महिला ने उन्हें एक मोबाइल ऐप के माध्यम से ट्रेडिंग में जुड़ने का सुझाव दिया और आगे की जानकारी टेलीग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से दी। उसने पहले ₹1 लाख निवेश करने को कहा, और ₹75,000 की पहली किस्त ऑनलाइन वॉलेट से ट्रांसफर की गई। 4 दिसंबर को अधिवक्ता को ₹15,642 का मुनाफा मिला, जिससे उनका विश्वास और गहरा हो गया। बढ़ते निवेश, फिर बड़ी धोखाधड़ी मुनाफे के झांसे में आकर अधिवक्ता ने कुल ₹78.25 लाख विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। इन खातों को वैध और आरबीआई के निर्देशानुसार मान्य बताकर ठगी की गई। हालांकि, बाद में सामने आया कि ये सभी खाते फर्जी और धोखे से खोले गए थे। जब अधिवक्ता ने अपनी निवेश राशि में से कुछ हिस्सा निकालने का प्रयास किया, तब उन्हें बताया गया कि ₹65 लाख टैक्स के रूप में जमा करने होंगे, तभी राशि रिलीज की जाएगी। जब उन्होंने स्पष्ट जानकारी मांगी, तो आरोपी सवालों से बचने लगे और टैक्स भुगतान पर जोर देने लगे। साइबर क्राइम ब्रांच ने दर्ज किया मामला बार-बार प्रयासों के बाद भी राशि वापस न मिलने पर, अधिवक्ता को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने साइबर क्राइम ब्रांच से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई। अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अब फेसबुक, टेलीग्राम, व्हाट्सएप ग्रुप्स और संदिग्ध बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि ठगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।

Madhya Pradesh Forms SIT to Probe Minister Vijay Shah’s Remarks Against Col Sofiya Qureshi, Following Supreme Court Order

In compliance with a directive from the Supreme Court, Madhya Pradesh Police has formed a three-member Special Investigation Team (SIT) to investigate state minister Vijay Shah’s controversial remarks against Colonel Sofiya Qureshi. The move comes after the top court took serious note of Shah’s “crass” comments, which sparked widespread condemnation and led to legal action. The SIT comprises senior police officials: Inspector General (IG) Pramod Verma, Deputy Inspector General (DIG) Kalyan Chakravarty, and Superintendent of Police (SP) Vahini Singh. The inclusion of a woman officer, SP Singh, aligns with the Supreme Court’s specific directive. The team has been tasked with probing the FIR registered against Shah, as ordered earlier by the Madhya Pradesh High Court. The Supreme Court had instructed the state’s Director General of Police (DGP) to constitute the SIT by 10 AM on Tuesday, May 21. Acting swiftly, DGP Kailash Makwana issued the order and appointed the designated officers to ensure full compliance with the apex court’s mandate. The SIT has been directed to submit its first status report to the court by May 28. The controversy erupted after a video went viral, showing Minister Shah allegedly making derogatory and offensive comments about Col Sofiya Qureshi. Col Qureshi, along with Wing Commander Vyomika Singh, recently received national attention for their roles in the media briefings during Operation Sindoor. The Madhya Pradesh High Court had earlier slammed Shah for using “language of the gutters” and ordered an FIR to be filed under charges related to promoting enmity and hatred. The incident drew sharp criticism from the public, veterans, and political figures alike. In response to the backlash, Shah issued a statement expressing regret, claiming he respects Col Qureshi more than his own sister. However, the courts have taken a stern view, underlining the seriousness of his remarks and the need for an impartial investigation.

7 महीनों में 25 शादियां, फिर गायब: अंतरराज्यीय विवाह ठगी की मास्टरमाइंड महिला भोपाल से गिरफ्तार

बॉलीवुड फिल्म जैसी कहानी को हकीकत में बदलते हुए, एक 23 वर्षीय महिला अनुराधा पासवान को राजस्थान की सवाई माधोपुर पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार किया है। आरोप है कि अनुराधा ने सिर्फ सात महीनों में 25 पुरुषों से शादी की और फिर कुछ ही दिनों में सोना, नकदी और इलेक्ट्रॉनिक सामान लेकर फरार हो गई। विवाह के नाम पर शातिर ठगीपुलिस जांच में सामने आया है कि अनुराधा पासवान एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जो छोटे शहरों के भोले-भाले कुंवारे पुरुषों को निशाना बनाता था। वह खुद को एक आदर्श दुल्हन के रूप में प्रस्तुत करती थी, कानूनी दस्तावेजों के साथ शादी करती और फिर कुछ ही दिनों में घर से सारे कीमती सामान लेकर फरार हो जाती थी। शादी के 12 दिन बाद पति के घर से फरारइस मामले का खुलासा तब हुआ जब सवाई माधोपुर निवासी विष्णु शर्मा ने 3 मई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शर्मा ने बताया कि उसने एजेंटों—सुनीता और पप्पू मीणा—को ₹2 लाख देकर अनुराधा से मुलाकात की थी। कोर्ट मैरिज 20 अप्रैल को हुई, लेकिन 2 मई को जब वह घर लौटे, तो अनुराधा गायब थी और घर से सोने-चांदी के गहने, नकदी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी साथ ले गई थी। फर्जी दूल्हे की मदद से पकड़ी गई आरोपीपुलिस ने गुप्त तरीके से कार्रवाई करते हुए एक अंडरकवर अधिकारी को दूल्हा बनाकर गिरोह से संपर्क कराया। जब एजेंटों ने अनुराधा की तस्वीर एक नए “रिश्ते” के लिए साझा की, तो पुलिस ने उसे भोपाल में ट्रैक कर लिया और ठगी की अगली योजना से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया गिरोह का नेटवर्कमूल रूप से उत्तर प्रदेश के महाराजगंज की रहने वाली अनुराधा पहले एक अस्पताल में काम करती थी और घरेलू विवाद के चलते अपने पति को छोड़ चुकी थी। इसके बाद वह भोपाल आ गई, जहां वह कथित रूप से एक फर्जी मैट्रिमोनियल रैकेट से जुड़ गई, जो व्हाट्सऐप ग्रुप्स के जरिए संचालित होता था। पुलिस के अनुसार, हाल ही में उसने एक और व्यक्ति से ₹2 लाख की ठगी की थी और फिर से शादी रचाने की तैयारी में थी। गिरोह के कई सदस्य चिन्हित किए जा चुके हैं और पुलिस अंतरराज्यीय समन्वय के माध्यम से पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की कोशिश में जुटी है।

प्रधानमंत्री मोदी 22 मई को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत मध्य प्रदेश के 6 अपग्रेडेड रेलवे स्टेशनों का करेंगे वर्चुअल उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को वर्चुअल माध्यम से मध्य प्रदेश के छह नव-आधुनिकीकरण रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे। यह उद्घाटन अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत किया जाएगा, जिसके तहत देशभर के कुल 103 स्टेशनों को अपग्रेड किया गया है। भारतीय रेल ने ‘अमृत काल’ के दौरान 1,300 से अधिक स्टेशनों के आधुनिकीकरण का संकल्प लिया था, जिनमें से 103 अब उद्घाटन के लिए तैयार हैं। मध्य प्रदेश के जिन छह स्टेशनों का उद्घाटन होगा, वे हैं – कटनी साउथ, श्रीधाम, नर्मदापुरम, शाजापुर, सिवनी और ओरछा। इन स्टेशनों के विकास पर 86 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। निर्माण कार्यों में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत का भी समावेश किया गया है। स्टेशनों पर अब विशिष्ट प्रवेश द्वार, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, उन्नत प्रतीक्षालय, टिकिटिंग सेवाएं, आधुनिक शौचालय और समावेशी सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्लेटफॉर्मों पर कवर शेड, ट्रेन सूचना प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले लगाए गए हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा। नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन को 26 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। इस स्टेशन का डिज़ाइन नर्मदा संस्कृति और लोक परंपराओं को उजागर करता है। स्टेशन परिसर में नया भवन, भव्य प्रवेश द्वार, आधुनिक प्रतीक्षालय, पर्याप्त बुकिंग काउंटर, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, 12 मीटर लंबा फुटओवर ब्रिज और प्लेटफॉर्म शेल्टर शामिल हैं। 3,100 वर्ग मीटर के सर्कुलेशन एरिया में 1,000 वर्ग मीटर में एलईडी लाइटिंग की गई है। शाजापुर रेलवे स्टेशन के विकास पर 13 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। इसमें पारंपरिक डिज़ाइन के साथ आधुनिक सुविधाएं शामिल की गई हैं जैसे कि नया फुटओवर ब्रिज, विस्तृत कवर एरिया, सुंदर प्रवेश द्वार, संगठित टिकट काउंटर और उन्नत प्रतीक्षालय। यहां 140 वर्ग मीटर का ‘आर्ट एंड कल्चर ज़ोन’ भी बनाया गया है, जो स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है। कटनी साउथ स्टेशन पर 15 करोड़ रुपये खर्च कर आधुनिक प्रतीक्षालय, बेहतर वेंटिलेशन और उन्नत सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई हैं। इसका डिज़ाइन स्थानीय खनिजीय विरासत को दर्शाता है। श्रीधाम स्टेशन, जिसकी लागत 12 करोड़ रुपये रही, में यात्रियों की सुविधा और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए माईहर मंदिर की स्थापत्य शैली को अपनाया गया है। सिवनी स्टेशन, जिसे 10 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड किया गया है, अब बेहतर प्लेटफॉर्म शेल्टर, उन्नत लाइटिंग और आधुनिक टिकटिंग सुविधा से सुसज्जित है। इसका डिज़ाइन पेंच नेशनल पार्क की निकटता को दर्शाते हुए वन्यजीवों, विशेष रूप से बाघों की कलात्मक झलक प्रस्तुत करता है। ओरछा रेलवे स्टेशन की भी 10 करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत की गई है। इसमें बुंदेली स्थापत्य शैली को शामिल करते हुए आधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं। डिजिटल डिस्प्ले, बेहतर बैठने की व्यवस्था और उन्नत सुरक्षा प्रणाली जैसे तत्व इसके प्रमुख आकर्षण हैं। इन सभी स्टेशनों का उन्नयन न केवल यात्रा अनुभव को बेहतर बनाएगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय विकास को भी प्रोत्साहन देगा।

UP ATS Arrests Man for Spying and Smuggling at Pakistan Border

The Uttar Pradesh Anti-Terrorist Squad (ATS) on Sunday arrested a man accused of spying for Pakistan’s Inter-Services Intelligence (ISI) and smuggling goods across the India-Pakistan border. Identified as Shehzad, a resident of the Tanda area in Rampur district, the accused was arrested in Moradabad following a tip-off. The ATS stated that Shehzad had been secretly traveling between India and Pakistan for several years, smuggling cosmetics, clothes, spices, and other items. During these trips, he allegedly acted as an ISI agent, gathering and sharing sensitive information related to India’s security infrastructure. According to the police, Shehzad also provided Indian SIM cards to ISI operatives and transferred money to local agents on instructions from Pakistani handlers. Investigations further revealed that he was allegedly involved in recruiting Indian nationals, particularly from Rampur and other parts of Uttar Pradesh, under the guise of smuggling but with the actual intention of involving them in espionage. The ATS has booked Shehzad under serious charges related to endangering the sovereignty, unity, and integrity of India. This arrest follows a similar case just days ago, where travel blogger Jyoti Rani was arrested by Haryana Police for allegedly passing sensitive information to Pakistan’s intelligence operatives. Rani was reportedly in contact with a Pakistani official at the High Commission in New Delhi and is currently in police custody under the Official Secrets Act and other charges.

भोपाल में विरासत संरक्षण की नई पहल: मुख्यमंत्री ने भोज-नर्मदा गेट का भूमि पूजन किया, नीमच में सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित समरधा में प्रस्तावित भोज-नर्मदा गेट का भूमि पूजन किया। यह गेट राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नीमच में 10 मेगावाट क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन भी किया, जिसे भोपाल नगर निगम की सौर ऊर्जा परियोजना के पहले चरण के तहत तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की गौरवशाली ऐतिहासिक विरासत और सम्राट विक्रमादित्य व राजा भोज जैसे महान शासकों पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि इन महान विभूतियों के नाम पर बनाए जा रहे भव्य प्रवेश द्वार राजधानी भोपाल को एक नई सांस्कृतिक पहचान देंगे और शहर की सुंदरता में चार चाँद लगाएंगे। समारोह में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद आलोक शर्मा, विधायक रमेश्वर शर्मा, महापौर माला ताई राय तथा नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी भी उपस्थित रहे। यह आयोजन भोपाल शहर में विरासत संर्वधन और सौंदर्यीकरण परियोजना की शुरुआत का प्रतीक है। भोपाल नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, शहर में दो भव्य द्वार बनाए जा रहे हैं। भोज-नर्मदा गेट होशंगाबाद रोड पर लाल पत्थरों से लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा और इसे आगामी छह महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है। वहीं, विक्रमादित्य गेट इंदौर-भोपाल रोड पर प्रस्तावित है। नगर निगम ने इन द्वारों के निर्माण के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया है और भविष्य में बैरसिया रोड, रायसेन रोड, कोलार रोड, विदिशा रोड और मुबारकपुर जैसे स्थानों पर भी इसी प्रकार के विरासत-थीम आधारित गेट बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

सांसदों, समाजसेवी संगठनों और व्यापारियों ने मिलकर जल स्रोतों का संरक्षण किया, नर्मदापुरम में जल गंगा अभियान बना आंदोलन

नर्मदा की धारा बनी स्वच्छता का प्रतीक, जल गंगा अभियान हो रहा है सफल जल गंगा संवर्धन अभियान : नर्मदापुरम में सामूहिक प्रयासों से स्वच्छता और संरक्षण की पहल अभियान बना व्यापक आंदोलन नर्मदापुरम नगरपालिका द्वारा राजघाट पर आयोजित जल गंगा संवर्धन अभियान अब केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक व्यापक आंदोलन बन चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में शुरू हुए इस अभियान का उद्देश्य प्राचीन जल स्रोतों का संरक्षण करना है ताकि आने वाली पीढ़ी स्वच्छ और सुरक्षित जल संसाधनों का लाभ उठा सके। ⸻ सांसद दर्शनसिंह चौधरी का संदेश सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि यह अभियान अब जनता की भागीदारी से एक आंदोलन बन चुका है। उन्होंने सभी नागरिकों, व्यापारीगणों, समाजसेवी संगठनों और अधिकारियों से इस आंदोलन को निरंतर जारी रखने का आव्हान किया। साथ ही मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया कि उन्होंने अभियान की अवधि को 30 से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया। ⸻ राज्यसभा सांसद माया नारोलिया का समर्थन राज्यसभा सांसद माया नारोलिया ने बताया कि इस अभियान में सभी लोग पूरी ईमानदारी से जुटे हुए हैं। समाजसेवीगण, व्यापारीगण, नगरपालिका परिषद और स्वयंसेवी संस्थाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। उनका मानना है कि इस अभियान के परिणामस्वरूप राजघाट का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा और यह स्थान सुंदर एवं स्वच्छ नजर आएगा। ⸻ नगर पालिका अध्यक्ष नीतू महेंद्र यादव का वक्तव्य नपाध्यक्ष नीतू महेंद्र यादव ने जलस्रोतों के संरक्षण को आज की सबसे आवश्यक आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप नगरपालिका परिषद प्राचीन जल स्रोतों के संरक्षण में निरंतर कार्यरत है। उन्होंने सांसदों, पार्षदों, समाजसेवी संगठनों और नागरिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे इस अभियान को जारी रखेंगे। ⸻ राजघाट का सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्य जल गंगा संवर्धन अभियान के दौरान राजघाट का कचरा, लकड़ी और अन्य मलबा साफ किया गया। नपा अध्यक्ष और मुख्य नगरपालिका अधिकारी के निर्देशानुसार जल्द ही राजघाट पर शेड, पार्किंग स्थल और भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य भी शुरू होगा। ⸻ अभियान में बड़ी संख्या में शामिल हुए लोग अभियान में सांसद, नगर पालिका अध्यक्ष , भाजपा नेता, पूर्व मंडल अध्यक्ष, विधायक प्रतिनिधि, नगरपालिका अधिकारी, तहसीलदार, पार्षद, स्वच्छता प्रभारी और विभिन्न सामाजिक संगठन सक्रिय रूप से शामिल हुए। अखिल भारतीय कायस्थ समाज और अन्य सामाजिक संगठनों ने भी इस अभियान की जमकर सराहना की। ⸻ अभियान का पर्यावरण और समाज पर प्रभाव यह अभियान न केवल जल स्रोतों की सफाई कर रहा है, बल्कि लोगों में जल संरक्षण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ा रहा है। सामूहिक प्रयास नर्मदापुरम को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ⸻ धन्यवाद एवं आगे की प्रतिबद्धता जल गंगा संवर्धन अभियान की सफलता में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों, संगठनों और अधिकारियों का धन्यवाद। उनके सहयोग से यह आंदोलन और मजबूत होगा तथा जल स्रोतों का संरक्षण सतत जारी रहेगा।

लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का वरदान दिया है, जिससे वे अपने सपनों को सच करने और समाज में बदलाव लाने में सक्षम हुई हैं

लाड़ली बहनों के ख्वाबों को पंख मिले भारत के हृदय प्रदेश, मध्य प्रदेश में एक ऐतिहासिक सामाजिक परिवर्तन की नींव रखी जा चुकी है, जिसे आज लाड़ली बहना योजना के नाम से जाना जाता है। यह योजना मात्र वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं, बल्कि यह महिलाओं की गरिमा, आत्मनिर्भरता और निर्णय लेने की शक्ति का सशक्त प्रतीक बन चुकी है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस अभिनव पहल ने महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया है, बल्कि सामाजिक परिप्रेक्ष्य में भी उन्हें एक नई पहचान दी है। सामाजिक बदलाव की संवाहक वर्ष 2023 में प्रारंभ हुई लाड़ली बहना योजना का मूल उद्देश्य राज्य की पात्र महिलाओं को प्रतिमाह ₹1,250 की सहायता राशि प्रदान करना था। समय के साथ योजना ने न केवल व्यापकता प्राप्त की, बल्कि इसके माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं में जागरूकता, सहभागिता और सशक्तिकरण का नया अध्याय आरंभ हुआ। 2025 में जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीधी जिले में इस योजना की 24वीं किस्त जारी की, तब यह संख्या 1.27 करोड़ से अधिक महिलाओं तक पहुंच चुकी थी—जो एक प्रशासनिक उपलब्धि से कहीं अधिक, सामाजिक न्याय की एक जीत है। वित्तीय सहायता से मानसिक बल तक यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि जब किसी महिला को नियमित रूप से आर्थिक सहायता प्राप्त होती है, तो वह न केवल अपने घर-परिवार के निर्णयों में भागीदार बनती है, बल्कि बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और भोजन जैसी आवश्यकताओं में योगदान देकर सामाजिक प्रगति को भी गति देती है। लाड़ली बहना योजना ने यह सुनिश्चित किया कि महिलाएं अब केवल घरेलू भूमिकाओं में सीमित न रहें, बल्कि वे समाज में अपनी आर्थिक पहचान स्वयं निर्मित करें। यह योजना उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी रही है जो या तो विधवा हैं, परित्यक्ता हैं या पारिवारिक स्तर पर आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इससे प्राप्त धनराशि को कई महिलाओं ने लघु व्यापार, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य आवश्यक खर्चों में लगाया, जो यह दिखाता है कि यह योजना आत्मनिर्भरता की नींव को कैसे मज़बूत कर रही है। पारदर्शिता और भागीदारी का मॉडल एक सफल जनकल्याणकारी योजना वही मानी जाती है, जिसमें पारदर्शिता हो, शिकायत निवारण तंत्र सक्रिय हो और लाभार्थियों को समय पर सहायता प्राप्त हो। लाड़ली बहना योजना इन सभी कसौटियों पर खरी उतरी है। भले ही किसी एक माह में भुगतान में थोड़ी देरी हुई, परंतु उसे त्वरित रूप से हल किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि ऐसी चूकों की पुनरावृत्ति न हो। लाभार्थियों को अपनी स्थिति की ऑनलाइन जानकारी देना और आवेदन की प्रक्रिया को सरल बनाना, इस योजना को तकनीकी रूप से भी दक्ष बनाता है। समावेशी विकास की दिशा में कदम लाड़ली बहना योजना, केवल आर्थिक सहायता से आगे बढ़कर समग्र विकास की ओर इशारा करती है। राज्य सरकार इस योजना को अब कौशल विकास, स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा से जोड़ने पर विचार कर रही है। इससे महिलाओं को दीर्घकालिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। अगर महिलाओं को प्रशिक्षण, डिजिटल शिक्षा, कृषि आधारित व्यवसाय और उद्यमशीलता की दिशा में अवसर दिए जाएं, तो यह योजना एक स्थायी सामाजिक क्रांति का रूप ले सकती है। सामुदायिक परिवर्तन की कहानियाँ लाड़ली बहना योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में कई प्रेरणादायक कहानियाँ भी रची हैं। रीवा जिले की एक महिला रेखा पटेल ने इस राशि से सिलाई मशीन खरीदी और अब वे गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण दे रही हैं। बालाघाट की गीता बाई ने इस राशि से छोटी किराना दुकान शुरू की और अब वे आत्मनिर्भर हैं। इसी तरह कई महिलाओं ने शिक्षा में निवेश कर अपने बच्चों का भविष्य संवारा है। यह योजनाएँ केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन में वास्तविक परिवर्तन की कहानियों का संग्रह हैं। भविष्य की राह और चुनौतियाँ हालांकि योजना की सफलता उल्लेखनीय है, लेकिन यह जरूरी है कि इसे समय के साथ विकसित किया जाए। केवल वित्तीय सहायता पर निर्भरता नहीं, बल्कि महिलाओं को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों में भागीदार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएं। ग्राम स्तर पर महिला समितियों का गठन, स्वास्थ्य जागरूकता शिविर, और महिला सशक्तिकरण पर कार्यशालाएं इस दिशा में सहायक हो सकती हैं। राष्ट्रीय मॉडल बनने की क्षमता लाड़ली बहना योजना अब एक ऐसे बिंदु पर पहुंच चुकी है, जहां इसकी सफलता से अन्य राज्य भी प्रेरणा ले सकते हैं। केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकारें यदि इस मॉडल को अपनाते हैं और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार इसे ढालते हैं, तो यह योजना देशभर में महिलाओं के जीवन में परिवर्तन ला सकती है। आत्मसम्मान और स्वतंत्रता की नींव महात्मा गांधी ने कहा था, “यदि आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं, तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं। लेकिन यदि आप एक महिला को शिक्षित करते हैं, तो आप एक पूरे राष्ट्र को शिक्षित करते हैं।” लाड़ली बहना योजना इस विचार को साकार कर रही है। यह योजना उस भारत की कल्पना को मूर्त रूप दे रही है, जहां महिलाएं सिर्फ समर्थ नहीं, बल्कि समाज की दिशा तय करने वाली हों। यह योजना केवल एक वित्तीय सहायता कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिलाओं की स्वायत्तता, गरिमा और सामाजिक भागीदारी का उत्सव है। जब कोई महिला आत्मनिर्भर होती है, तो उसके साथ उसका परिवार, समाज और राष्ट्र सशक्त होता है। लाड़ली बहना योजना इसी परिवर्तन की कहानी है—सशक्त बहनें, समृद्ध भविष्य की जीवंत गाथा।

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