भारत-अमेरिका के बीच नया 10 वर्षीय रक्षा समझौता जल्द, राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ की बैठक में होगा हस्ताक्षर

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को एक नई दिशा देने की तैयारी जोरों पर है। दोनों देशों ने एक नया 10 वर्षीय रक्षा साझेदारी समझौता करने पर सहमति जताई है, जिसकी घोषणा अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की है। इस समझौते पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ की इस वर्ष होने वाली आगामी बैठक में हस्ताक्षर किए जाएंगे। फोन कॉल में बनी सहमति पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल क्रिस डिवाइन के अनुसार, यह निर्णय 1 जुलाई को दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच हुई टेलीफोनिक बातचीत के दौरान लिया गया। कर्नल डिवाइन ने बताया, “रक्षा मंत्री हेगसेथ ने भारत को दक्षिण एशिया में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार बताया और आगामी सहयोग की नींव रखी।” उसी दिन हेगसेथ ने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से भी मुलाकात की, जिसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा, रक्षा तकनीक नीति में प्रगति और आगामी INDUS-X समिट जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। ट्रंप-मोदी की नींव पर आगे बढ़ेगा सहयोग दोनों रक्षा मंत्रियों ने फरवरी 2025 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी साझा बयान में निर्धारित रक्षा लक्ष्यों की समीक्षा की। साथ ही भारत को अमेरिकी हथियारों की प्रमुख बिक्री और रक्षा औद्योगिक सहयोग को और सशक्त बनाने की दिशा में चर्चा हुई। कर्नल डिवाइन के अनुसार, “मंत्री सिंह और सचिव हेगसेथ ने इस वर्ष के अंत में मिलने पर 10 वर्षीय रक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर करने पर सहमति जताई है।” जयशंकर की रणनीतिक टिप्पणी विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध सिर्फ साझा हितों पर आधारित नहीं हैं, बल्कि क्षमताओं और जिम्मेदारियों के बीच गहराते मेल पर टिके हैं। उन्होंने कहा: “रक्षा साझेदारी इस रिश्ते के सबसे प्रभावशाली स्तंभों में से एक है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग रणनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।” तकनीकी नवाचार और औद्योगिक सहयोग भारत और अमेरिका अब ‘India-US Defence Acceleration Ecosystem’ के अगले शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे, जिसका उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देना है। इस सम्मेलन के अंतर्गत Autonomous Systems Industry Alliance (ASIA) की भी औपचारिक शुरुआत होगी। अमेरिका ने इस बात पर संतोष जताया कि उसका रक्षा उपकरण भारत की सेनाओं में अच्छी तरह एकीकृत हो चुका है और वह को-प्रोडक्शन, औद्योगिक सहयोग और बलों की आपसी कार्यक्षमता को और मजबूत करने के लिए तैयार है। यह आगामी समझौता भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है, जो न केवल दोनों देशों के सामरिक हितों को सुदृढ़ करेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक मजबूत संदेश देगा।

घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं बनेंगी डिलीवरी एजेंट और बाइक टैक्सी ऑपरेटर, ‘सक्षम परियोजना’ के तहत नया सशक्तिकरण अभियान

घरेलू हिंसा से उबरी महिलाएं अब जल्द ही डिलीवरी एजेंट और बाइक टैक्सी ऑपरेटर के रूप में सड़कों पर नजर आएंगी। यह पहल ‘सक्षम परियोजना’ के तहत शुरू की जा रही है, जो एक्शन एड एसोसिएशन और महिला मंच फाउंडेशन (MMF) की संयुक्त पहल है। इसका उद्देश्य महिलाओं को ऐसे क्षेत्रों में रोजगार और प्रशिक्षण देना है, जो अब तक पुरुष प्रधान माने जाते रहे हैं। प्रारंभ में, गौरवी वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर से जुड़ी लगभग 30 महिलाओं को स्कूटर चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें ब्लू डार्ट, ज़ोमैटो, स्विगी, रैपिडो जैसी नामचीन कंपनियों के साथ काम करने के लिए तैयार किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत भोपाल से होगी और बाद में इसे इंदौर में भी लागू किया जाएगा। एक्शन एड इंडिया की सौम्या सक्सेना ने कहा,“यह पहल न केवल महिलाओं को स्थायी रोजगार के अवसर देती है, बल्कि डिलीवरी प्लेटफॉर्म जैसे क्षेत्रों में उन्हें प्रतिनिधित्व दिलाकर लैंगिक रूढ़ियों को भी तोड़ती है।” प्रशिक्षण में स्कूटी चलाना, सड़क सुरक्षा और सॉफ्ट स्किल्स शामिल होंगी, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और गतिशीलता हासिल कर सकेंगी। पहली बैच में लगभग 15 महिलाएं शामिल होंगी और स्कूटी चलाने के लिए प्रशिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। जल्द ही एक खुला स्थान चिन्हित किया जाएगा जहां प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। सौम्या ने बताया कि इससे पहले महिलाओं को ऑटो और टैक्सी चलाने का प्रशिक्षण देने के प्रयास हुए थे, लेकिन वे अपेक्षित परिणाम नहीं दे सके। उन्होंने कहा,“महिलाएं ऑटो या कैब सेवाओं में सहज महसूस नहीं करतीं। बाइक या स्कूटी उनके लिए ज्यादा अनुकूल माध्यम है।” यह अभियान महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा, बल्कि समाज में उनकी भूमिका को भी नई पहचान देगा।

भोपाल में फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र पर लगेगी लगाम, नगर निगम चस्पा करेगा बारकोड और सैंपल सर्टिफिकेट

फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों के ऑनलाइन प्रसार को लेकर की रिपोर्ट के बाद, भोपाल नगर निगम (BMC) ने त्वरित एक्शन लिया है। अब नागरिकों को असली और नकली प्रमाण पत्र की पहचान में मदद के लिए सभी निगम कार्यालयों के बाहर बारकोड स्टिकर और सैंपल प्रमाण पत्र चस्पा किए जाएंगे। यह पहल आम जनता को यह समझने में मदद करेगी कि उनके पास जो प्रमाण पत्र है – या जो वे बनवाने जा रहे हैं – वह असली है या नहीं। यह कदम तब उठाया गया जब निगम के जन्म-मृत्यु शाखा में एक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र सामने आया। जब उस सर्टिफिकेट को निगम के आधिकारिक पोर्टल से स्कैन किया गया, तो पता चला कि वह एक फर्जी वेबसाइट से जुड़ा है। हैरानी की बात यह रही कि उस फर्जी प्रमाण पत्र पर पंजीयक (Registrar) के डिजिटल हस्ताक्षर की हूबहू नकल भी मौजूद थी। इस धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद, निगम ने गोविंदपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई है। अधिकारियों को संदेह है कि ऐसे और भी फर्जी प्रमाण पत्र बनाए और वितरित किए गए होंगे, संभवतः दलालों की मदद से। कैसे काम करेगी यह व्यवस्था जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा के रजिस्ट्रार सत्यप्रकाश बड़गैया ने बताया,“गलत इस्तेमाल को रोकने और नागरिकों को जागरूक करने के लिए हम जल्द ही सभी कार्यालयों के बाहर वास्तविक प्रमाण पत्र के नमूने और स्कैनेबल बारकोड लगाने जा रहे हैं। इससे आमजन को फर्जी और असली सर्टिफिकेट के बीच का अंतर समझने में आसानी होगी।” उन्होंने कहा कि निगमायुक्त से औपचारिक अनुमति मिलते ही यह कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। यह कदम नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता लाने और दस्तावेजों की सत्यता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।

त्रिनिडाड और टोबैगो यात्रा: भारत की कैरेबियाई कूटनीति में नया अध्याय

ऐतिहासिक संबंध और प्रवासी समुदाय की शक्तिप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक त्रिनिडाड और टोबैगो यात्रा भारत की कैरेबियाई कूटनीति का एक महत्वपूर्ण पड़ाव बनकर उभर रही है। भारत और त्रिनिडाड एवं टोबैगो के संबंधों की नींव 30 मई 1845 को पड़ी थी, जब ‘फतेह अल-रज़ाक’ जहाज 225 भारतीय अनुबंधित मज़दूरों को लेकर वहां पहुँचा था। 1917 तक यह प्रवास जारी रहा, जिससे पश्चिमी गोलार्ध में सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समुदायों में से एक की स्थापना हुई। आज इन प्रवासियों की पांचवी और छठी पीढ़ी देश की कुल आबादी का लगभग 40-45% हिस्सा है, जो उन्हें त्रिनिडाड और टोबैगो का सबसे बड़ा जातीय समूह बनाता है। यह जनसांख्यिकीय स्थिति भारत के लिए क्षेत्रीय प्रभाव के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। जहां कई अन्य कैरेबियाई देशों में भारतीय समुदाय अल्पसंख्यक हैं, वहीं त्रिनिडाड और टोबैगो में भारतीय मूल की महिलाएं—राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला पर्साड-बेसेसर—देश की सत्ता के शीर्ष पदों पर विराजमान रही हैं, जो भारतवंशी समुदाय की राजनीतिक भागीदारी और उनके भारत से जुड़े भावनात्मक संबंधों को दर्शाता है। कैरेबियाई क्षेत्र का रणनीतिक प्रवेशद्वारत्रिनिडाड और टोबैगो की भौगोलिक स्थिति और ऊर्जा संसाधनों से समृद्ध अर्थव्यवस्था इसे भारत की कैरेबियाई आकांक्षाओं का स्वाभाविक प्रवेशद्वार बनाते हैं। कैरेबियन द्वीपसमूह के दक्षिणी सिरे पर स्थित यह राष्ट्र, भारत के व्यापार और निवेश विस्तार के लिए एक आदर्श केंद्र है। हालांकि भारत-त्रिनिडाड आर्थिक संबंध अभी विकासशील अवस्था में हैं, लेकिन इनमें भारी संभावनाएं मौजूद हैं। जनवरी 1997 में दोनों देशों के बीच हुए व्यापार समझौते के तहत परस्पर ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा दिया गया है। भारत से निर्यातित वस्तुओं में वाहन, इस्पात, दवाएं और प्लास्टिक उत्पाद शामिल हैं, जबकि आयात मुख्यतः खनिज ईंधन और पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रित हैं। विकास साझेदारी और क्षमतावर्धनभारत की त्रिनिडाड एवं टोबैगो के साथ विकास साझेदारी ‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग’ की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ‘हाई एंड लो टेक्नोलॉजी (HALT)’ परियोजना, जो भारत-UNDP फंड के माध्यम से चलाई गई थी, कोविड-19 महामारी के दौरान मोबाइल हेल्थकेयर रोबोट, टेलीमेडिसिन और स्वच्छता केंद्र प्रदान कर प्रभावी सहयोग का उदाहरण बनी। इसके अलावा, राष्ट्रीय कृषि विपणन एवं विकास निगम के लिए US$1 मिलियन की कृषि यंत्र परियोजना और ITEC कार्यक्रम के तहत हर वर्ष 85 प्रशिक्षु स्थान प्रदान करना, भारत की दीर्घकालिक मानव संसाधन विकास रणनीति का हिस्सा है। संस्कृतिक कूटनीति और सॉफ्ट पावरत्रिनिडाड और टोबैगो के भारतीय समुदाय में भारतीय संस्कृति का संरक्षण भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ का मजबूत आधार है। दिवाली, होली, दशहरा जैसे त्यौहार यहां सरकारी मान्यता के साथ मनाए जाते हैं, और भोजपुरी जैसी भाषाएं आज भी कई घरों में बोली जाती हैं। यह सांस्कृतिक निरंतरता शिक्षा, कला और अध्यात्म के माध्यम से भारत को भावनात्मक और सामाजिक रूप से इस क्षेत्र से जोड़ती है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कूवा के नेशनल साइकलिंग वेलोड्रोम में आयोजित होने वाला प्रवासी सम्मेलन, जिसमें 4,000 से अधिक लोगों के जुटने की उम्मीद है, भारत की सांस्कृतिक कूटनीति की गहराई और प्रभाव को दर्शाता है। ऊर्जा क्षेत्र और आर्थिक सहयोगत्रिनिडाड और टोबैगो के ऊर्जा संसाधन भारत की ऊर्जा सुरक्षा रणनीति के लिए एक उपयुक्त भागीदारी अवसर प्रदान करते हैं। यह देश लिक्विफाइड नैचुरल गैस और पेट्रोलियम उत्पादों का प्रमुख उत्पादक है, जो भारत की ऊर्जा विविधीकरण नीति के अनुरूप है। इसके साथ ही, यहां की सरकार सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में रुचि रखती है, जिसमें भारतीय कंपनियों की विशेषज्ञता सहयोग का मार्ग खोल सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी, दवा और जैव प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों में भी सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं। त्रिनिडाड और टोबैगो की विकसित अवसंरचना और कैरिबियन समुदाय (CARICOM) में व्यापारिक सुविधा भारत के लिए इस क्षेत्र में एक आधार केंद्र के रूप में इसे आकर्षक बनाती है।

Rahul Gandhi to Visit Odisha on July 11 for ‘Save the Constitution’ Rally in Bhubaneswar

Leader of the Opposition in the Lok Sabha, Rahul Gandhi, will visit Odisha on July 11 as part of the Congress party’s national ‘Save the Constitution’ campaign. The visit marks his first public outreach in the state after the 2024 general elections. Gandhi is scheduled to address a public rally at Baramunda Ground in Bhubaneswar, which is expected to draw a significant crowd. The event will also see the presence of AICC president Mallikarjun Kharge and Congress general secretary (organisation) K.C. Venugopal. 🔹 High-Level Preparations Underway Odisha Pradesh Congress Committee (OPCC) president Bhakta Charan Das confirmed the high-profile visit during a press briefing on Tuesday. In preparation, the party convened a key meeting of its expanded Political Affairs Committee at the Congress Bhavan in Bhubaneswar, where senior leaders strategised mass mobilisation efforts and coordination mechanisms to ensure the success of the rally. Party insiders say the rally will underscore the Congress’s message of constitutional protection, social justice, and democratic accountability, especially at a time when they aim to rejuvenate their presence in eastern India. 🔹 Political Context and Recent Criticisms Rahul Gandhi has been vocal in his criticism of the BJP-led Odisha government, particularly over: The Puri stampede incident has sparked political controversy. Although the state government, under Chief Minister Mohan Charan Majhi, has ordered a probe and expects a report within 30 days, Congress is expected to intensify its attack on administrative lapses during Gandhi’s rally. 🔹 What’s Expected The ‘Save the Constitution’ rally is expected to: With top Congress leaders uniting on a common platform, the July 11 rally could be a turning point in the party’s Odisha strategy ahead of upcoming civic and state-level elections.

‘Heads of State’ Review: A Wild, Star-Powered Ride That Deserves the Big Screen

If you were hoping Heads of State would be a high-octane, no-nonsense action flick packed with chaos, charm, and camaraderie, rest easy — it absolutely delivers. Directed by Ilya Naishuller (Nobody), this Prime Video original leans into the absurdity of the genre with surprising flair, bolstered by a magnetic cast and the kind of unapologetic fun that makes it an instant crowd-pleaser. Plot & Premise John Cena plays the President of the United States. Idris Elba? He’s the Prime Minister of the United Kingdom. And yes, they’re forced into an unlikely alliance to save the world. Think espionage, double-crossing bureaucrats, political misdirection, and over-the-top stunts — a textbook genre setup, but executed with so much energy and wit, you don’t mind the familiar beats. Cast Highlights Chemistry & Comedy The film’s strongest asset is the chemistry between Cena and Elba. Their bickering bromance provides both the emotional core and the comic relief. Their verbal sparring is snappy and organic, never overstaying its welcome. Together, they’re the buddy-comedy duo you didn’t know you needed. Direction & Action Naishuller injects the film with the same kinetic energy that made Nobody a cult hit. The action is stylish but clear, especially in the hand-to-hand combat sequences. Yes, it’s loud and ridiculous — but in the best way possible. Minor Flaws The second act sags a bit, with a few overlong sequences that could’ve used a tighter edit. But the charm of the leads and the slick visual storytelling more than make up for the lull. Final Verdict Heads of State doesn’t try to be profound — and that’s its strength. In an era where action movies often overexplain or overbuild, this one chooses to entertain first. It’s fast, funny, and gloriously self-aware. 🎬 Rating: 3.5/5 Stream it on Prime Video starting July 2, 2025, but be warned — with its cast and spectacle, it deserved the big-screen treatment. Ask ChatGPT

विश्व सोशल मीडिया दिवस पर IGRMS में चर्चा: सोशल मीडिया बना सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम – अनिल गुलाटी

भोपाल स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय (IGRMS) में विश्व सोशल मीडिया दिवस के अवसर पर एक विशेष संवाद और चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डिजिटल मीडिया की वर्तमान भूमिका, उपयोगिता और सामाजिक प्रभाव को लेकर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूनिसेफ मध्यप्रदेश के चीफ ऑफ फील्ड (कार्यवाहक) अनिल गुलाटी ने कहा,“डिजिटल प्लेटफॉर्म आज केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की एक प्रभावी शक्ति बन गए हैं।”उन्होंने यूनिसेफ द्वारा चलाए जा रहे ‘हेल्दी डाइट्स’ अभियान का ज़िक्र करते हुए उपस्थित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से आग्रह किया कि वे इस मुहिम को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से आगे बढ़ाएं। पुष्पा अवस्थी, न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट और कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि ने ‘मेरी थाली, मेरी सेहत’ थीम पर अपने विचार रखते हुए कहा,“स्वस्थ जीवन की शुरुआत हमारी थाली से होती है। बचपन में पोषक आहार से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और उनका शारीरिक व मानसिक विकास तेज़ी से होता है।”उन्होंने कहा कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने खानपान और स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आकाशवाणी मध्यप्रदेश के प्रमुख समन्वयक राजेश भट्ट ने परंपरागत और डिजिटल मीडिया के समन्वय पर कहा,“रेडियो और सोशल मीडिया मिलकर जनसंचार के नए आयाम गढ़ सकते हैं।” संग्रहालय के निदेशक प्रो. अमिताभ पांडे ने कहा कि“सोशल मीडिया ने हमारी सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर तक पहुंचाया है। यह संग्रहालयों और आम जनता के बीच एक सेतु की तरह कार्य कर रहा है।” शिवानी राजपूत, एक सोशल मीडिया प्रोफेशनल, ने बताया कि सोशल मीडिया का उपयोग हम किस प्रकार सकारात्मकता फैलाने और जन-जागरूकता के लिए कर सकते हैं। इस अवसर पर सोशल मीडिया और डिजिटल कंटेंट निर्माण से जुड़े कई विशेषज्ञ उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने स्वस्थ आहार, पोषण जागरूकता, और डिजिटल मीडिया के माध्यम से सामाजिक सुधार की दिशा में किए जा रहे अपने प्रयासों को साझा किया। कार्यक्रम में संग्रहालय की डिजिटल पहलों को प्रदर्शित किया गया और IGRMS की एक फिल्म डॉक्युमेंट्री भी प्रस्तुत की गई।

कोविड वैक्सीन और अचानक मौतों के बीच कोई संबंध नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज स्पष्ट रूप से कहा कि देश के शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों द्वारा की गई गहन जांच में कोविड-19 वैक्सीन और हाल में हुई अचानक वयस्क मौतों, विशेष रूप से हार्ट अटैक से हुई मौतों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है। यह बयान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा किए गए व्यापक अध्ययन के बाद आया है, जिसमें कोविड के बाद हुई अचानक मौतों की जांच की गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया,“ICMR और AIIMS द्वारा किए गए विस्तृत अध्ययन यह स्पष्ट रूप से सिद्ध करते हैं कि अचानक मौतों और कोविड-19 वैक्सीन के बीच कोई संबंध नहीं है।”विज्ञप्ति में आगे कहा गया कि, “ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के अध्ययन यह लगातार प्रमाणित करते हैं कि कोविड वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं, और गंभीर प्रतिकूल प्रभाव अत्यंत दुर्लभ हैं।” इन अनुसंधानों में पाया गया है कि जीवनशैली विकल्प, आनुवंशिक प्रवृत्ति और पहले से मौजूद बीमारियां अचानक मौतों के प्रमुख कारण हैं। हालांकि हार्ट अटैक वयस्कों में अचानक मृत्यु का मुख्य कारण बना हुआ है, लेकिन प्रारंभिक विश्लेषण दर्शाता है कि मौतों के कारणों में पिछले वर्षों की तुलना में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। यह सरकारी घोषणा वैक्सीन को लेकर फैले भ्रम और गलत सूचनाओं को दूर करने का प्रयास है, ताकि लोगों का टीकाकरण कार्यक्रम में भरोसा फिर से बहाल हो सके।

Dharma Productions Unveils Teaser of ‘Sarzameen’: A Gripping Kashmir-Based Thriller with Kajol, Prithviraj & Ibrahim Ali Khan

Dharma Productions has dropped the teaser for its upcoming Hindi thriller Sarzameen, and it’s already making waves for its intense tone, striking visuals, and a standout reveal of Ibrahim Ali Khan in a never-seen-before avatar. Directed by Kayoze Irani, the film is set to premiere on JioHotstar on July 25, 2025. A First Look at the Teaser The teaser opens in the politically charged and snow-blanketed region of Kashmir, with glimpses of Prithviraj Sukumaran as a dedicated Army officer, seemingly on a mission driven by personal grief. He is seen performing rescue operations, navigating gunfire, and sharing intense moments with Kajol, who plays his wife. Their relationship appears to be an emotional anchor in the storyline, bringing a human layer to the soldier’s otherwise gritty mission. However, it’s Ibrahim Ali Khan’s entry that has grabbed the most attention. In the final seconds of the teaser, Ibrahim is introduced back first, revealing scars, before slowly turning to reveal his face—kohl-lined eyes, rugged beard, and a haunting intensity. Though nothing is officially confirmed, the teaser hints strongly that he might be playing a militant or terrorist, setting up a high-stakes face-off with Prithviraj’s character. What We Know About the Film Ibrahim’s Bold Transformation After making his acting debut in Nadaaniyan, Ibrahim Ali Khan faced criticism for a lacklustre start. But in Sarzameen, he seems determined to rewrite that narrative. Social media is abuzz with reactions to his physical transformation, gritty body language, and layered screen presence, which already promise a breakout role for the young actor. In Summary Sarzameen is shaping up to be a high-stakes thriller, blending personal trauma, national duty, and ideological conflict against a tense Kashmir backdrop. With Kajol’s emotional depth, Prithviraj’s commanding presence, and Ibrahim Ali Khan’s transformation, this JioHotstar original could very well be one of the most discussed OTT releases of 2025. Mark your calendars: Sarzameen premieres July 25 on JioHotstar.

Aamir Khan Opens Up About Bond with Shah Rukh and Salman Khan: “We Drink Till 7 AM”

Bollywood superstar Aamir Khan has offered a rare and candid glimpse into his personal life and friendships, revealing the deep bond he shares with fellow icons Shah Rukh Khan and Salman Khan. Speaking in an interview with Lallantop, Aamir reflected on their evolving camaraderie, all-night conversations, and how these friendships have supported him during emotional lows. “We Don’t Stop at One Drink” Aamir admitted that their get-togethers often go on until sunrise: “We often make plans to catch up, and we never stop at one drink. It’s usually till morning—7 am—not just with Salman, but with Shah Rukh too. This has happened eight to 10 times till now.” These late-night sessions are not just about partying but are rooted in deep conversations and mutual respect, showcasing the trio’s personal bond away from the public eye. Bonding with Shah Rukh: “It Took Time” Talking about his friendship with Shah Rukh Khan, Aamir said it took time to truly connect: “I hadn’t known Shah Rukh so much at that time. We would keep meeting often. We even hung out together back then at either of our places.” He also recounted a humorous moment involving a misunderstanding from years ago: “I had written a vlog from a farmhouse in Panchgani, stating that Shah Rukh was licking his feet,” Aamir laughed, clarifying, “It was actually the dog at the farmhouse who was named Shah Rukh. Not the actor!” The anecdote sparked a lot of buzz at the time but now stands as a testament to their friendly equation and ability to laugh things off. Salman Khan: A Friend in Dark Times Aamir became emotional when discussing Salman Khan and how he stood by him during one of the most difficult periods in his life—after his divorce from Reena Dutta. “I was in a very dark space emotionally. I used to drink heavily and isolate myself,” he admitted. “Salman dropped by one day for dinner… and we ended up having a deep conversation that went on for hours. That’s when our friendship really began.” Their friendship, which began during the filming of Andaz Apna Apna in 1994, wasn’t instant. Aamir confessed he didn’t initially think he could ever be friends with Salman. “Guess life always has other plans. And more often than not, those plans make the most sense in the long run.” A Rare Glimpse of Bollywood Brotherhood At 60, Aamir Khan continues to show that behind the superstar persona lies a deeply thoughtful and loyal friend. His reflections on his bonds with SRK and Salman show the rare emotional transparency and personal warmth shared among three of India’s biggest cinematic legends. In a world of reel rivalries and tabloid tales, Aamir’s words serve as a reminder that real friendships—especially in showbiz—do exist, evolve, and endure.

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