मप्र को मिला 60 हजार करोड़ से अधिक का सड़क विकास पैकेज: जबलपुर में गडकरी और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किए 9 परियोजनाओं का शिलान्यास

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को जबलपुर के महानद्दा में आयोजित कार्यक्रम में नौ सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं 174 किलोमीटर लंबाई की हैं और इन पर कुल 4,250 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। इस अवसर पर गडकरी ने प्रदेश के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की नई सड़क परियोजनाओं की घोषणा भी की। जबलपुर को मिला सबसे लंबा फ्लाईओवर इन परियोजनाओं में राज्य का सबसे लंबा फ्लाईओवर दमोह नाका–रणीताल–मदनमहल–मेडिकल रोड फ्लाईओवर भी शामिल है। गडकरी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 3 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 75,000 करोड़ की परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और 65,000 करोड़ की परियोजनाओं पर काम जारी है। नई परियोजनाओं की झलक प्रमुख एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर अन्य महत्वपूर्ण सड़कें रोपवे परियोजनाएं मप्र में 7 रोपवे 2,100 करोड़ की लागत से बनेंगे। इनमें उज्जैन स्टेशन–महाकाल मंदिर रोपवे, जबलपुर का एम्पायर टॉकीज–गुरुद्वारा रोपवे और सिविक सेंटर–बड़ा फुहारा रोपवे शामिल हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्र की शक्ति उसकी सड़कों से तय होती है। उन्होंने गडकरी की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रबंधन में सड़क और अवसंरचना विकास के लिए कभी धन की कमी नहीं रहती।

मिसरोद में सनसनीखेज मामला: वीडियो कॉल का दुरुपयोग कर महिला के अश्लील वीडियो बनाए और फैलाए, पुलिस जांच में जुटी

भोपाल के मिसरोद क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक अज्ञात आरोपी ने वीडियो कॉल का दुरुपयोग कर 27 वर्षीय महिला के अश्लील वीडियो और फोटो रिकॉर्ड कर लिए और बाद में उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (BNS) और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, पीड़िता जतखेड़ी क्षेत्र की रहने वाली है और घरेलू कामकाज कर अपने परिवार का भरण-पोषण करती है। अप्रैल माह में जब वह स्नान के बाद कपड़े बदल रही थी, तभी आरोपी ने उसके मोबाइल पर वीडियो कॉल किया। उस समय महिला का छोटा बेटा पास में खेल रहा था। उसने कॉल रिसीव कर दी और गलती से मोबाइल का बैक कैमरा ऑन हो गया। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने महिला की आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटो खींच लिए। इसके बाद आरोपी ने बार-बार वीडियो कॉल कर महिला को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया और और भी अश्लील वीडियो व फोटो रिकॉर्ड कर लिए। आरोपी ने महिला को ब्लैकमेल करते हुए होटल में मिलने का दबाव बनाया। जब महिला ने मिलने से इनकार किया, तो आरोपी ने कई अलग-अलग मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप ग्रुप बनाए और उन ग्रुप में महिला का पति, भाई, भाभी और अन्य परिचितों को शामिल कर उनके साथ महिला के अश्लील वीडियो और फोटो शेयर कर दिए। हाल ही में आरोपी ने एक और नया ग्रुप बनाकर फिर से वीडियो और फोटो प्रसारित किए। पुलिस का कहना है कि आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी के लिए तकनीकी जांच की जा रही है। यह मामला साइबर अपराध के गंभीर उदाहरणों में गिना जा रहा है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मप्र में अजीबोगरीब बिजली चोरी का मामला: किसानों ने खुद लगा दिए ट्रांसफॉर्मर, डिस्कॉम की छापेमारी में खुलासा

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में बिजली चोरी का अनोखा मामला सामने आया है। यहां उर्दमऊ गांव (बरेली उपखंड) में ग्रामीणों ने अपनी मनमर्जी से बिजली वितरण ट्रांसफॉर्मर ही स्थापित कर डाले और सीधे सिंचाई फीडरों से कनेक्शन लेकर बिजली चोरी शुरू कर दी। यह चौंकाने वाला खुलासा सेंट्रल डिस्कॉम की विजिलेंस टीम की छापेमारी में हुआ। अधिकारियों के अनुसार, ग्रामीणों ने अवैध रूप से 25 केवीए के ट्रांसफॉर्मर लगाए और 11 केवी लाइनें बढ़ाकर खेतों में बिजली खींची। इन ट्रांसफॉर्मरों के जरिए बड़े पैमाने पर सिंचाई पंप चलाए जा रहे थे। जांच में सामने आया कि गांव में कुल चार ट्रांसफॉर्मर अवैध रूप से लगाए गए थे और हर ट्रांसफॉर्मर से 2–3 लोगों को बिजली दी जा रही थी। बाड़ी डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर के जूनियर इंजीनियर अनुराग सिन्हा ने बताया कि सभी लाभार्थियों पर बिजली अधिनियम की धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। साथ ही जिन किसानों ने अपने खेतों में ट्रांसफॉर्मर लगाए थे, उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन भेजा गया है। डिस्कॉम की विजिलेंस टीम ने मौके से 25 केवीए ट्रांसफॉर्मर, कंडक्टर और अन्य उपकरण जब्त कर अवैध लाइनों को डिस्कनेक्ट कर दिया। बाड़ी थाने में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डिस्कॉम अधिकारियों ने इसे हाल के समय में बिजली चोरी के सबसे दुस्साहसी मामलों में से एक बताया। कंपनी का कहना है कि बिना अनुमति बिजली लाइन बढ़ाना और ट्रांसफॉर्मर लगाना न केवल आपूर्ति बाधित करता है बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ाता है और विभाग को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाता है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एमपी नगर बैंक फर्जीवाड़ा: 4 करोड़ की धोखाधड़ी में बैंक मैनेजर समेत चार पर केस, पुलिस ने बनाई टीम

भोपाल के एमपी नगर में हुए 4 करोड़ रुपये के बैंक फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने निजी बैंक मैनेजर सहित चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश के लिए पांच सदस्यीय पुलिस टीम गठित की गई है। पुलिस के अनुसार, जिन आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया है उनमें निजी बैंक मैनेजर सुमित मेवाड़ी, बैंक कर्मचारी आदित्य सिंह और सचिन सिंह, साथ ही वर्ष 2021 में शाखा में पदस्थ रहे एक अन्य बैंक मैनेजर शामिल हैं। एसीपी मनीष भारद्वाज ने बताया कि आरोपी आदित्य सिंह ने पीड़ित के आधार और पैन कार्ड की मदद से फर्जी खाता खोला था, जबकि सचिन सिंह ने बाद में खाता बंद कराने की प्रक्रिया पूरी की। बैंक मैनेजर सुमित मेवाड़ी और पूर्व शाखा प्रबंधक की भूमिका भी जांच के दायरे में है। शिकायतकर्ता कैलाश नारायण शर्मा ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2021 में उन्होंने एक बीमा एजेंट को स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के लिए अपने पहचान दस्तावेज सौंपे थे। आरोप है कि इन्हीं दस्तावेजों का दुरुपयोग कर उनके नाम से फर्जी खाता खोला गया और 2021 से 2024 के बीच इस खाते से 4 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन किए गए। यह धोखाधड़ी अक्टूबर 2024 में तब उजागर हुई, जब शर्मा को आयकर विभाग से संदिग्ध लेनदेन संबंधी नोटिस प्राप्त हुआ। शर्मा ने कई बार शिकायत करने के बावजूद बैंक से जानकारी प्राप्त करने में लगभग छह महीने की देरी हुई। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया है कि बैंक के कस्टमर एप्लीकेशन फॉर्म पर न तो उनके हस्ताक्षर हैं और न ही उनका पंजीकृत मोबाइल नंबर, जिससे बैंक की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

भोपाल क्राइम ब्रांच की कार्रवाई: मेडिकल स्टोर संचालक समेत तीन गिरफ्तार, प्रतिबंधित नशे की गोलियां जब्त

भोपाल क्राइम ब्रांच ने नशे के कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक मेडिकल स्टोर संचालक रवि साहू भी शामिल है। पुलिस ने उनके कब्जे से कुल 25 हजार रुपए कीमत की प्रतिबंधित साइकोट्रॉपिक गोलियां बरामद की हैं। पुलिस के अनुसार, रवि साहू बारखेड़ी क्षेत्र में मेडिकल स्टोर संचालित करता था। जांच में पता चला कि वह मेडिकल स्टोर किसी और के नाम से लिए गए लाइसेंस पर चला रहा था। छापे के दौरान उसके पास से 210 नशीली गोलियां बरामद हुईं। इसी मामले में क्राइम ब्रांच ने गोविंदपुरा निवासी 24 वर्षीय विशाल बिटोरे और अंबेडकर नगर निवासी 22 वर्षीय अनस अब्दुल को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों आरोपी पहले से ही कई आपराधिक मामलों में लिप्त रहे हैं और जेल में मिलने के बाद उन्होंने प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी शुरू की। सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर विशाल से 150 और अनस से भी 150 गोलियां जब्त कीं। आरोपी इन गोलियों को कम दाम पर खरीदकर ऊंचे दामों पर बेचकर अवैध मुनाफा कमा रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट और मध्यप्रदेश ड्रग कंट्रोल एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

अक्टूबर से सात पर्यटन स्थलों पर लगेंगी ‘टेंट सिटी’, पर्यटन पर्व की तैयारी

भोपाल। बरसात के बाद मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित पर्यटन पर्व के तहत राज्य के सात प्रमुख पर्यटन स्थलों पर टेंट सिटी बसाई जाएगी। इन टेंट सिटी में तीन सितारा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जो अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 के बीच 50 से 100 दिनों तक पर्यटकों के लिए खुली रहेंगी। ये टेंट सिटी ओरछा, मांडू, टमिया, हनुवंतिया, चंदेरी, कुनो और गांधीसागर में लगेंगी। इन स्थलों पर एडवेंचर और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज़, सांस्कृतिक आयोजन, योग-ध्यान, आयुर्वेदिक उपचार समेत स्वास्थ्य और वेलनेस की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पर्यटकों के लिए पैराग्लाइडिंग, हॉट एयर बलूनिंग, रिवर क्रूज़, ट्रैकिंग और बोटिंग जैसी गतिविधियां होंगी। जिन स्थलों पर जलाशय हैं वहां वॉटर स्पोर्ट्स और बीच गेम्स का आयोजन होगा। वहीं लोकनृत्य, शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम और नाट्य प्रस्तुतियां आगंतुकों को प्रदेश की कला और संस्कृति से परिचित कराएंगी। पर्यटक यहां हस्तशिल्प की खरीदारी और स्थानीय व्यंजनों का आनंद भी ले सकेंगे। पर्यटन पर्व का आयोजन मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड (MPTB) करेगा। एमपीटीबी के युवराज पाडोले ने बताया कि इन टेंट सिटी को स्थापित करने और संचालित करने के लिए निजी कंपनियों से 5 से 10 साल की दीर्घकालिक अनुबंध प्रणाली अपनाई गई है। ओरछा, मांडू, टमिया और हनुवंतिया के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। कुनो और गांधीसागर में टेंट सिटी गुजरात की लालूजी एंड सन्स और चंदेरी में सनसेट रिज़र्व्स कंपनी लगाएगी। पाडोले के अनुसार, जैसे ही टेंट सिटी तैयार होंगी, उनकी बुकिंग अक्टूबर से शुरू कर दी जाएगी।

विभागों ने नहीं दी जानकारी, 2024-25 के वित्तीय लेखे अधूरे

भोपाल। कई विभागों के अधिकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जिसके चलते वर्ष 2024-25 के वित्तीय लेखे अधूरे हैं। सूत्रों के अनुसार, सीएजी ने 1 अगस्त को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस स्थिति पर चिंता जताई थी। इसके बाद वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि सीएजी को मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराई जाए। लेकिन विभागों ने कोई जानकारी नहीं भेजी। अब वित्त विभाग ने दोबारा पत्र लिखकर जानकारी देने के लिए कहा है। सीएजी ने 19 तरह की जानकारी मांगी है, जिनमें ऑफ बजट देनदारियां, अप्रदत्त बिलों के कारण देनदारियां, बैंकों में रखी धनराशि, सरकारी खातों से बाहर संचालित निधि और रिजर्व फंड नियम शामिल हैं। महत्वपूर्ण विभाग जैसे सामान्य प्रशासन, खनिज, गृह, वन, लोक निर्माण और स्वास्थ्य विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी है। सीएजी कार्यालय ने बार-बार पत्राचार किया, लेकिन विभागों ने कोई ध्यान नहीं दिया। अधिकारियों का कहना है कि चूंकि सीएजी वित्तीय लेखों की त्रुटियां उजागर करता है, इसलिए विभाग जानबूझकर जानकारी देने से बचते हैं। गौरतलब है कि सीएजी द्वारा तैयार वित्तीय लेखे विधानसभा में रखे जाते हैं। इन्हीं लेखों के आधार पर बजट तैयार होता है। किसी वित्तीय वर्ष के बजट संबंधी लेखों में संबंधित विभागों के कामकाज का ब्यौरा भी दर्ज किया जाता है।

बैंक खाते में 4 करोड़ का फर्जीवाड़ा, बीमा एजेंट ने किए दस्तावेज़ों का दुरुपयोग

भोपाल। एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के नाम पर फर्जी तरीके से बैंक खाता खोलकर उसमें करीब 4 करोड़ रुपये के लेन-देन किए गए। एमपी नगर पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, पीड़ित ने वर्ष 2021 में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने के नाम पर अपने पहचान पत्र एक बीमा सलाहकार को सौंपे थे। लेकिन इन दस्तावेज़ों का दुरुपयोग कर फरवरी 2021 में उसके नाम पर बैंक खाता खोल लिया गया। यह खाता तीन साल तक सक्रिय रहा और इसमें भारी भरकम लेन-देन किए गए, जो साइबर ठगी नेटवर्क से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। पीड़ित को इस फर्जीवाड़े की जानकारी अक्टूबर 2024 में तब हुई जब उसे आयकर विभाग से अघोषित लेन-देन को लेकर नोटिस मिला। मामले की शिकायत जब उसने संबंधित बैंक में की तो बैंक अधिकारियों ने करीब छह महीने तक टालमटोल किया और खाते की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। पीड़ित का कहना है कि ग्राहक आवेदन पत्र पर न तो उसका हस्ताक्षर है और न ही उसका मोबाइल नंबर दर्ज है। बैंक की लापरवाही से परेशान होकर पीड़ित ने गुरुवार को पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा से संपर्क किया। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई कि खाता फर्जी दस्तावेजों के जरिए खोला गया था। संदेह है कि खाते से जुड़ा सिम कार्ड भी फर्जी पहचान से जारी कराया गया था, जिससे इसे साइबर ठगों के “म्यूल अकाउंट” के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। एसीपी एमपी नगर मनीष भारद्वाज ने बताया कि बैंक को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। तीन संदिग्ध, जिनमें एक पूर्व बैंक कर्मचारी भी शामिल है, जांच के दायरे में हैं। बैंक से जवाब मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला बैंकिंग प्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर करता है, क्योंकि खाता वर्षों तक सक्रिय रहा और करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन के बावजूद निगरानी तंत्र से बचता रहा।

Bhopal to Get ₹582-Crore Water Supply Upgrade Under AMRUT 2.0

Bhopal’s water supply system is set for a major revamp with the launch of a ₹582-crore project under the AMRUT 2.0 scheme, aimed at expanding and modernising the city’s pipeline and storage network. Chief Minister Mohan Yadav will lay the foundation stone for the project on Thursday. Key Features of the Project The expansion will also cover newly developing areas like Ratibad, Neelbad, Maliphedi, Hathaikheda, Bagli, Danish Hills, Guradi Ghat, Laharpur, and Arvind Vihar, ensuring equitable access to piped water. Additional Civic Works Alongside the water project, the Chief Minister will inaugurate other civic infrastructure initiatives worth ₹16.76 crore under BMC’s Mechanical Department, including: The event will also see the distribution of compassionate appointment letters to families of deceased municipal employees, and honouring 10 sanitation workers for their contribution to Bhopal’s top national rank in Swachh Survekshan 2024. Addressing Future Water Demand Currently, Bhopal’s 25-lakh population consumes about 440 MLD (million litres per day) of water. By 2040, demand is projected to rise to 575 MLD, leaving a gap of 135 MLD. The project is designed to bridge this gap and secure supply for the next 15 years. Civic Preparedness BMC Commissioner Harendra Narayan said all preparations for the launch are complete, and the initiative will significantly strengthen Bhopal’s urban infrastructure while supporting sustainable growth.

ग्रामीण नल-जल योजना के संचालन व रखरखाव की जिम्मेदारी अब तीन साल तक पीएचईडी के पास

भोपाल। ग्रामीण नल-जल योजना के संचालन, रखरखाव और प्रबंधन को लेकर बनी नीति को आगामी तीन वर्षों तक जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) लागू करेगा। इस संबंध में हुई बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में समझौता हुआ। दरअसल, एकल-ग्राम योजनाओं के रखरखाव को लेकर पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग और पीएचईडी के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में यह तय किया गया कि अगले तीन वर्षों तक पीएचईडी ही इसका संचालन और रखरखाव करेगा। इसके बाद भविष्य के लिए नई नीति पर विचार किया जाएगा। फिलहाल, जलकर (पानी के बिल) की वसूली का कार्य पंचायतें पहले की तरह करती रहेंगी। बैठक में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि नल-जल योजना के संचालन, रखरखाव और प्रबंधन के लिए स्थायी नीति बनाई जानी चाहिए। पीएचईडी के प्रमुख सचिव पी. नरहरी ने बताया कि वर्ष 2019 में केवल 13.53 लाख ग्रामीण परिवारों को पाइपलाइन से जल आपूर्ति मिल रही थी, जो मात्र 12.11% आबादी थी। अब यह आंकड़ा बढ़कर 78.64 लाख हो गया है और 70.41% ग्रामीण परिवार योजना का लाभ उठा रहे हैं। नरहरी ने कहा कि लक्ष्य है कि प्रदेश के 1.11 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक इस योजना के माध्यम से जल आपूर्ति पहुंचाई जाए।

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