₹3,200 करोड़ की निवेश धोखाधड़ी: आरोपियों ने नए ऐप्स और वेबसाइटों पर मोड़ा निवेशकों का ध्यान, STF की जांच जारी

नवीनतम निवेश घोटाले की जांच कर रही विशेष कार्य बल (STF) ने खुलासा किया है कि आरोपी निवेशकों को गुमराह कर रहे हैं और उन्हें नई वेबसाइटों व मोबाइल ऐप्स की ओर भेज रहे हैं। उनका दावा है कि निवेशकों की राशि सुरक्षित है और उन्हें वहां जाकर अपनी रकम देखनी चाहिए। STF के महानिदेशक (DG) पंकज श्रीवास्तव ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है। कंपनी के अधिकारी लोगों को यह कहकर भ्रमित कर रहे हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ऑडिट कर रहा है और मौजूदा वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है। इस कारण निवेशक अपनी राशि अन्य वेबसाइटों या ऐप्स में देख सकते हैं और वहीं जमा भी कर सकते हैं।” उन्होंने बताया कि ये कंपनियां भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के प्रावधानों के तहत पंजीकृत नहीं हैं और इनका व्यापार पूरी तरह अवैध है। इस घोटाले की जांच के दौरान अब तक ट्रांजेक्शन का आंकड़ा ₹3,200 करोड़ तक पहुंच चुका है। पुलिस दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और ED ने भी संबंधित कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। STF ने 10 कंपनियों के बैंक खातों से ₹180 करोड़ की राशि जब्त की है। DG ने यह भी जानकारी दी कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड दुबई से अपने ऑपरेशन चला रहा है, लेकिन उसकी सटीक लोकेशन का अब तक पता नहीं चल पाया है। केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क कर रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया जारी है।

मध्य प्रदेश में खाद संकट से किसान परेशान, काला बाज़ारी और जमाखोरी के आरोप

मध्य प्रदेश में चल रहे खाद संकट ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसानों का आरोप है कि खाद आवंटन की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है, जिससे जमाखोरी और काला बाज़ारी को बढ़ावा मिल रहा है। सरकार द्वारा खाद वितरण प्रणाली को डिजिटल किए जाने के बावजूद किसानों को यह नहीं पता चल पा रहा है कि उनके नाम पर कितना खाद आवंटित हुआ है। भारतीय किसान संघ के महासचिव राहुल धूत ने कहा, “पांच साल पहले तक यह डेटा सार्वजनिक होता था, लेकिन अब उसकी पारदर्शिता खत्म हो चुकी है। इससे काला बाज़ारी के रास्ते खुल गए हैं।” राज्य के कई ज़िलों—जैसे बड़वानी, खंडवा, शिवपुरी, अशोकनगर, बुरहानपुर, खरगोन, नर्मदापुरम और विदिशा—में सहकारी समितियों पर लंबी कतारें और खाद की भारी कमी देखी जा रही है, जबकि खुले बाजार में महंगे दामों पर खाद आसानी से उपलब्ध है। खरीफ सीजन के लिए मध्य प्रदेश ने 36 लाख मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य तय किया है, जिसमें 17.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 5 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 6.5 लाख मीट्रिक टन एसएसपी, 5,000 मीट्रिक टन एमओपी और 86,000 मीट्रिक टन एनपीके शामिल हैं। हालांकि, अब तक राज्य को केवल 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 3 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति मिली है, यह जानकारी मार्कफेड के महाप्रबंधक बी.एस. खेडकर ने दी। खेडकर का कहना है कि इस कमी का एक कारण किसानों द्वारा आगामी रबी सीजन के लिए खाद का स्टॉक जमा करना है, साथ ही खरीफ में मक्का की खेती का रकबा बढ़ना भी एक वजह है। वहीं किसान नेता केदार सिरोही ने इन तर्कों को खारिज करते हुए कहा, “अगर वाकई में कमी है, तो खुले बाजार में ऊंचे दाम पर खाद कैसे मिल रही है? यह पूरी तरह से व्यवस्था की विफलता है। वितरण प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं है।” कृषि विभाग ने किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) के उपयोग की सलाह दी है, लेकिन ज्यादातर किसान इस विकल्प को अपनाने से हिचकिचा रहे हैं। जैसे-जैसे बोवाई का समय आगे बढ़ रहा है, किसान संगठनों ने मांग की है कि सरकार तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए और खाद आवंटन संबंधी डेटा को फिर से सार्वजनिक किया जाए, ताकि जमाखोरी और काला बाज़ारी पर रोक लगाई जा सके।

ऑनलाइन क्लास के नाम पर बड़ा साइबर फ्रॉड: पिता के नाम पर ले लिया लोन, EMI बाउंस होने पर हुआ खुलासा

कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन क्लासेस का चलन तेजी से बढ़ा, लेकिन अब साइबर ठग इसी ट्रेंड का फायदा उठाकर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। भोपाल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म के बहाने एक व्यक्ति से उसकी पहचान और ओटीपी लेकर उसके नाम पर ₹17,000 का लोन निकाल लिया गया। ऐसे हुआ फ्रॉड भोपाल के रटीबड़ क्षेत्र निवासी किशोर कुमार ने साइबर क्राइम ब्रांच को शिकायत दी कि एक माह पूर्व कुछ लोगों ने उन्हें फोन कर ऑनलाइन क्लासेस का सालाना पैकेज देने की बात कही। उन्होंने ₹150 रजिस्ट्रेशन फीस, आधार कार्ड, पैन कार्ड और मोबाइल पर आया ओटीपी मांगा। किशोर कुमार ने विश्वास करते हुए ये सभी जानकारियां दे दीं। इसके बाद उनसे ₹2,500 की पहली किस्त भी ली गई और कुछ दिनों बाद उनके बच्चे की ऑनलाइन क्लास शुरू हो गई, जिससे उन्हें कोई शक नहीं हुआ। एक महीने बाद हुआ खुलासा करीब एक महीने बाद किशोर को एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से कॉल आया कि उनके नाम पर ₹17,000 का लोन चालू है और पहली EMI बाउंस हो चुकी है। जब उन्होंने ऑनलाइन क्लास वालों से बात की तो उन्हें बताया गया कि पूरी फीस फाइनेंस कंपनी से मिल गई है और किश्तें किशोर कुमार को भरनी होंगी। किशोर को तब जाकर समझ आया कि उनके नाम पर लोन ले लिया गया है। उन्होंने जब लोन रद्द करने की मांग की तो ठगों ने अगली सुबह 11 बजे तक कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन अगले दिन से उनके फोन बंद हैं और संपर्क नहीं हो पा रहा। पुलिस ने दर्ज किया केस किशोर कुमार की शिकायत पर साइबर क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात कॉल या ऑनलाइन ऑफर पर अपनी निजी जानकारी, दस्तावेज और ओटीपी साझा न करें। ऐसी लापरवाही भारी नुकसान में बदल सकती है।

भोपाल ड्रग-रेप रैकेट: कॉलेज, जिम और क्लब में नशा देकर छात्राओं से दुष्कर्म, भाजपा नेताओं से जुड़े आरोपियों पर सियासी बवाल

भोपाल क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ड्रग और मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह जिम, क्लिनिक और कॉलेज परिसरों में सक्रिय था। शुरू में यह मामला केवल ड्रग तस्करी का प्रतीत हो रहा था, लेकिन जांच के दौरान पुलिस को आरोपी के फोन से कई ऐसे वीडियो मिले, जो इस अपराध के कहीं अधिक खौफनाक पहलू को उजागर करते हैं। जांच में सामने आया कि आरोपित युवतियों को ड्रग्स देकर नशीली हालत में उनका यौन शोषण करते थे। आरोपी यासीन के मोबाइल फोन से पुलिस को 20 से अधिक ऐसे वीडियो मिले हैं, जिनमें युवतियों के साथ दुष्कर्म और युवकों के साथ हिंसक हमले दर्ज हैं। वीडियो में नजर आ रही कई महिलाएं कॉलेज छात्राएं बताई जा रही हैं। यह मामला तब शुरू हुआ जब तीन दिन पहले दो ड्रग पेडलर — सैफुद्दीन और आशु उर्फ शाहरुख — को एमडी ड्रग्स के साथ पकड़ा गया। पूछताछ में इनसे यासीन (स्थानीय क्लब डीजे) और शावर (रियल एस्टेट कारोबारी) के नाम सामने आए। आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे जिम में लड़कियों को “वेट लॉस ड्रग्स” के नाम पर नशीले पदार्थ देते थे। क्लब में आने वालों को यह कहकर ड्रग्स दी जाती थी कि इससे डिप्रेशन में राहत मिलेगी। इसके बाद उन्हें ड्रग्स की लत लगाकर यौन शोषण के जाल में फंसा लिया जाता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक पिस्तौल, दो वाहन — एक महिंद्रा स्कॉर्पियो (यासीन के पास से) और एक महिंद्रा BE-6 (शावर के पास से) — तथा 1.05 ग्राम और 2.052 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद किए हैं। इस मामले में सियासी रंग भी चढ़ गया है। कांग्रेस ने दावा किया है कि दो आरोपी भाजपा से जुड़े हैं। इनमें से एक आरोपी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के एक सदस्य का बेटा है, जबकि दूसरा भाजपा कार्यकर्ता का भाई बताया जा रहा है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने आरोपियों की भाजपा नेताओं — विश्वास सारंग, प्रह्लाद पटेल, रमेश्वर शर्मा और बीडी शर्मा — के साथ तस्वीरें भी साझा की हैं। पुलिस अब वीडियो में दिख रही पीड़िताओं की पहचान करने की कोशिश कर रही है और आरोपियों की कस्टडी बढ़वाकर पूछताछ जारी रखी गई है।

CM Mohan Yadav to Lay Foundation for ₹406 Crore Industrial Projects in Bhopal

Chief Minister Mohan Yadav will perform the bhoomi pujan on Thursday for five major industrial units in Acharpura, Bhopal. These projects, spanning the textile, pharmaceutical, and electronics sectors, represent a collective investment of ₹406 crore and are expected to generate employment for over 1,500 individuals. The event will begin with the CM visiting the garment manufacturing unit of Gokaldas Exports, where nearly 2,500 women are already employed. During his visit, Yadav will interact with the women workers and observe the ongoing production processes. The five new units include: These units will be established across a total area of 12.88 hectares. In addition, the CM will distribute letters of intent for land allotment to investors of eight upcoming industries, further boosting the region’s industrial development.

भोपाल में एमडी ड्रग रैकेट का भंडाफोड़, कुख्यात तस्करों की गिरफ्तारी से चौंकाने वाले खुलासे

भोपाल की क्राइम ब्रांच ने बुधवार को एक गहरे और संगठित एमडी (मेफेड्रोन) ड्रग तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई में दो कुख्यात ड्रग तस्करों – शाहवर अहमद और उसके भतीजे यासीन अहमद – को गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला है कि इन दोनों ने वर्षों में एक संगठित ड्रग नेटवर्क खड़ा किया था, जो जिम जाने वालों और हाई-प्रोफाइल पार्टी सर्कल में शामिल लोगों को निशाना बनाता था। पुलिस के अनुसार, आरोपी पहले युवाओं को एमडी ड्रग का आदी बनाते थे और फिर उन्हें ब्लैकमेल करने लगते थे। महिलाओं का यौन शोषण किया जाता था, जबकि पुरुषों को हथियारों की धमकी देकर उनसे पैसे वसूले जाते थे। क्राइम ब्रांच को आरोपियों के मोबाइल फोन से कई चौंकाने वाले वीडियो मिले हैं, जिनमें शोषण और ब्लैकमेल की घटनाएं दर्ज हैं। साथ ही, पिस्तौल और रिवॉल्वर की तस्वीरें भी बरामद हुई हैं। फिलहाल, पुलिस इन मामलों में शामिल पीड़ितों की पहचान कर रही है। क्राइम ब्रांच ने अपील की है कि यदि किसी ने ड्रग्स से जुड़ा शोषण, ब्लैकमेल या उत्पीड़न झेला है, तो वह सामने आए और रिपोर्ट दर्ज कराए। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि प्रत्येक शिकायत की जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मध्यप्रदेश में फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ टैक्स फ्री, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की घोषणा

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को घोषणा की कि हिंदी फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ को मध्यप्रदेश में टैक्स फ्री किया जाएगा। यह घोषणा उन्होंने फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग के बाद की, जिसमें उन्होंने खुद फिल्म देखी। मुख्यमंत्री के साथ दिग्गज अभिनेता और निर्देशक अनुपम खेर ने भी फिल्म देखी। इस दौरान अभिनेत्री शुभांगी दत्त और बाल कलाकार विराज अग्रवाल भी मौजूद रहे। फिल्म को एक उद्देश्यपूर्ण संदेश वाली रचना बताते हुए मुख्यमंत्री ने अनुपम खेर और उनकी टीम की सराहना की। खेर ने मुख्यमंत्री निवास पर यादव से मुलाकात की और अपनी पुस्तक “Different but No Less” भेंट की। यह फिल्म 18 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। इसे अनुपम खेर स्टूडियो और राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) ने संयुक्त रूप से निर्मित किया है। खरीफ सीजन के लिए 31.52 लाख मीट्रिक टन खाद में से 21.05 लाख का वितरण: मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि खरीफ सीजन के लिए राज्य में उपलब्ध 31.52 लाख मीट्रिक टन खाद में से 21.05 लाख मीट्रिक टन खाद 20 जुलाई तक वितरित की जा चुकी है। मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि मार्केटिंग फेडरेशन के डबल लॉक केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक टोकन सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने स्पेन और दुबई यात्रा के अनुभव भी साझा किए। स्पेन की उन्नत बागवानी प्रबंधन, फल उत्पादन और कृषि तकनीकों से प्रभावित होकर उन्होंने कहा कि किसानों की एक टीम को वहां भेजा जाएगा ताकि वे आधुनिक तकनीकों का अध्ययन कर सकें। बाद में, मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग, राजस्व और किसान कल्याण विभाग की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की। इसमें बताया गया कि नकली खाद की बिक्री, अवैध भंडारण और कालाबाजारी के मामलों में अब तक 30 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 56 लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं और 188 बिक्री केंद्रों को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया जारी है।

फूलों की खेती में मध्यप्रदेश की बड़ी छलांग, देश का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बना

मध्यप्रदेश ने फूलों की खेती के क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान बना ली है और अब यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा फूल उत्पादक राज्य बन गया है। राज्य में मुख्य रूप से गेंदा, गुलाब, शेवंती, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा और इसबगोल, अश्वगंधा, सफेद मूसली, कोलियस जैसे औषधीय फूलों की खेती की जाती है। इनमें गेंदे का सबसे अधिक रकबा है, जो 24,214 हेक्टेयर में फैला है। इसके बाद गुलाब (4,502 हेक्टेयर), शेवंती (1,709 हेक्टेयर), ग्लैडियोलस (1,058 हेक्टेयर) और रजनीगंधा (263 हेक्टेयर) की खेती की जाती है। अन्य फूलों की खेती 11,227 हेक्टेयर में हो रही है। राज्य की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 15.01 मीट्रिक टन है, जो फूलों की खेती के क्षेत्र में उल्लेखनीय मानी जाती है। मध्यप्रदेश के कुल 27.71 लाख हेक्टेयर बागवानी क्षेत्र में से 42,978 हेक्टेयर भूमि फूलों की खेती के लिए समर्पित है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के किसानों ने 5.12 लाख मीट्रिक टन फूलों का उत्पादन किया, जो अब तक का एक रिकॉर्ड आंकड़ा है। अधिकारियों का कहना है कि वह दिन दूर नहीं जब मध्यप्रदेश फूलों की खेती में देश का अग्रणी राज्य बन जाएगा। वर्ष 2021-22 में फूलों की खेती का रकबा 37,647 हेक्टेयर था, जो 2024-25 में बढ़कर 42,978 हेक्टेयर हो गया। इसके साथ ही उत्पादन में भी 86,294 टन की वृद्धि दर्ज की गई है।

भोपाल में स्कूल बच्चों के परिवहन के लिए ई-रिक्शा पर रोक, पहले ही दिन नियमों की उड़ी धज्जियां

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा स्कूल बच्चों को ले जाने के लिए ई-रिक्शा के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद, सोमवार को प्रतिबंध लागू होने के पहले ही दिन कई स्थानों पर इसका उल्लंघन देखा गया। टीटी नगर, रोशनपुरा, शाहपुरा और कोलार जैसे इलाकों में ई-रिक्शा में बच्चों को स्कूल ले जाते हुए देखा गया, जिससे नियमों के पालन और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह प्रतिबंध जिला सड़क सुरक्षा समिति की सिफारिशों के आधार पर लगाया गया है, जो शहर में ई-रिक्शा के संचालन को नियंत्रित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। भोपाल में कुल 14,000 पंजीकृत ई-रिक्शा हैं, जिनमें से लगभग 2,000 ई-रिक्शा स्कूल बच्चों को लाने-ले जाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनमें से अधिकांश न तो पंजीकृत हैं और न ही इन्हें चलाने वाले चालक लाइसेंसधारी हैं। कई बार तो अवयस्क ड्राइवर भी ई-रिक्शा चलाते देखे गए हैं। इन अनियमितताओं के कारण दुर्घटनाएं और ट्रैफिक जाम की समस्याएं उत्पन्न हो चुकी हैं। जिला प्रशासन ने ई-रिक्शा संचालन के लिए एक मसौदा दिशानिर्देश भी तैयार किया है, जो फिलहाल समीक्षा के अधीन है। यह प्रतिबंध भोपाल में सुरक्षित और नियंत्रित स्कूल परिवहन की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। इस प्रस्ताव पर 18 जुलाई को आयोजित ट्रैफिक समिति की बैठक में चर्चा हुई थी, जिसमें सांसद आलोक शर्मा भी मौजूद थे और ई-रिक्शा संचालन के लिए स्पष्ट नियमों की आवश्यकता पर बल दिया गया था। भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी एन.के. अहिरवार ने कहा, “हमें कलेक्टर का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए सोमवार को कोई कार्रवाई नहीं की गई।” भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा, “प्रतिबंध लागू है, लेकिन फिलहाल कुछ नरमी बरती जा रही है ताकि अभिभावक अपने बच्चों के लिए वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था कर सकें।”

बागसेवनिया पुलिस ने पकड़े दो शातिर वाहन चोर, ₹2 लाख की चोरी की बाइकें बरामद

बागसेवनिया पुलिस ने रविवार को दो वाहन चोरों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से ₹2 लाख कीमत की चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद कीं। पुलिस के अनुसार, आरोपी चोरी की बाइकें फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए दूरदराज के इलाकों में बेचते थे। एडिशनल डीसीपी ज़ोन-2 महावीर सिंह मुजालदे ने बताया कि क्षेत्र में लगातार हो रही बाइक चोरी की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया था। टीम ने चोरी की घटनाओं के आस-पास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बाइक चोरी की वारदातों को कबूल कर लिया। वे सुनसान जगहों और भीड़भाड़ वाले बाज़ारों से बाइक चोरी करते थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुलशन चंदेलकर (20) निवासी बैतूल, मनोहर मेहरा (20) निवासी रायसेन, और भगवान सिंह मेहरा (20) निवासी धार के रूप में हुई है। आरोपी मास्टर चाबी की मदद से बाइक के लॉक खोलकर उन्हें चुरा लेते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से तीन चोरी की बाइकें बरामद की हैं। एक बाइक उस वक्त चुराई गई जब उसका मालिक हबीबगंज नाका के पास सड़क किनारे पेशाब करने रुका था, जबकि दूसरी बाइक AIIMS अस्पताल की पार्किंग से चोरी की गई थी। फिलहाल आरोपियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।

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